युद्ध के 54 साल बाद अपने घर पहुंचा ये सैनिक
1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने सीमा से चीन के एक सैनिक वांग ची को पकड़ा गया था। आरोप था कि वह जासूसी कर रहे हैं। वांग को पकड़ने के बाद कुछ सालों तक उन पर मुकदमा चला। लेकिन वह इस केस में बेकसूर पाए गए। जिसके बाद वर्ष 1969 में कोर्ट ने उन्हें रिहा कर दिया था। मगर पुलिस उन्हें मध्यप्रदेश के तिरोदी में ले आई थी। यहां आने के बाद से ही वांग लगातार अपने वतन और घर लौटने की बात कर रहे थे। बहरहाल मीडिया में ये ख़बर आने के बाद दोनों देशों की सरकार ने सकारात्मक रवैया अपनाते हुए वांग को चीन जाने की अनुमति दे दी। शनिवार यानी कि आज वह अपने बेटे विष्णु के साथ दिल्ली से चीन लौट चुके हैं।

अपने परिवार के साथ वांग ची
1975 में भारतीय महिला से वांग ने की थी शादी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जेल से रिहा होने के बाद वांग मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में बस गए। यहां पर उन्होंने आटे की चक्की का काम शुरू किया। इसके साथ वर्ष 1975 में उन्होंने स्थानीय महिला सुनीता से शादी कर ली थी। अब उनके तीन बच्चे हैं।
मप्र सरकार ने की वांग की मदद
मिली जानकारी के मुताबिक मध्यप्रदेश सरकार ने वांग के परिवार को पासपोर्ट बनवाने में मदद की और यात्रा के दौरान होने वाले आर्थिक खर्चों को ध्यान में रखते हुए उनकी आर्थिक मदद भी की। वांग को मल्टीपल वीज़ा दिया गया है। ऐसा इसीलिए ताकि उन्हें आने जाने में कोई दिक्कत न हो।
जल्द ही वांग का परिवार भी लौटेगा चीन
वांग के बेटे विष्णु ने बताया कि ”अब मेरी मम्मी, बहन और बेटी को भी पासपोर्ट मिल गया है, लेकिन हम अभी उन्हें साथ नहीं ले जा रहे हैं। एक बार हम वहां पहुंच जाएं, उसके बाद ही अपने अगले कदम के बारे में विचार करेंगे।”
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