Friday, September 1st, 2017 19:38:46
Flash

8 सालों बाद नहीं भरवाना पड़ेगा गाड़ियों में पेट्रोल जानिए क्यों




Auto & Technology

petrol

आजकल गाड़ियां तो सबके पास होती है लेकिन जब भी उसमें पेट्रोल या डीजल डलवाने की बारी आती है न तो आत्मा बड़ी दुखती है। एक तो पेट्रोल पहले से ही महंगा है और उपर से ये गाड़ी पेट्रोल ज़्यादा पीती है। पेट्रोल पंप पर पहुंचते ही लगता है कि ‘काश! गाड़ी बिना पेट्रोल के चलती।’ तो टेंशन मत लीजिए गाड़ी को सिर्फ आठ साल और चला लीजिए फिर पेट्रोल भरवाने की आपको जरूरत नहीं होगी।

हाल ही में एक स्टडी सामने आई है जिसमें ये साबित किया गया है कि आने वाले आठ सालों के बाद आपको कारों में या आपकी गाड़ियों में पेट्रोल-डीजल भरवाने की जरूरत नहीं होगी। ये स्टडी स्टैंडफोर्ड यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्री टोनी सेबी ने अपनी स्टडी में ये दावा किया है कि 2030 तक 2030 तक पेट्रोल-डीजल की कार्स खत्म हो जाएंगी और उनकी जगह इलेक्ट्रिक कार्स ले लेंगी।

टोनी का दावा है कि 2030 तक ऑइल(कार फ्यूल) बिजनेस लगभग पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। स्टडी रिपोर्ट के मुताबिक फॉसिल फ्यूल की कार्स आने वाले 8 सालों में खत्म हो जाएंगी और उनकी जगह पर लोग इलेक्ट्रिक कार्स को चुनेंगे। इस दावे की वजह में उन्होंने बताया है कि इलेक्ट्रिक कार्स की कीमत बेहद कम होंगी जिसके चलते फ्यूल कार्स बंद हो जाएंगी। रिपोर्ट के मुताबिक हर तरह के वाहन जैसे गाड़ियां, ट्रक, ट्रैक्टर, बस आदि सभी इलेक्ट्रिक कार्स हो ही चुनेंगे।

रीथिंकिंग ट्रांस्पोर्टेशन 2020-2030 नाम की रिपोर्ट में टोनी का दावा है कि लोग आने वाले समय में इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ बढेंगे क्योंकि यह फ्यूल्ड वाहनों की तुलना में दस गुणा ज्यादा सस्ते होंगे और इनका मेंटेनेंस और फ्यूल कोस्ट भी न के बराबर हो जाएगी। इसके अलावा रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि इलेक्ट्रिक वाहनों की लाइफ फ्यूल वाहनों से ज्यादा होगी। उनके मुताबिक जहां फॉसिल फ्यूल वाहनों के इंजन 3 लाख किलोमीटर तक चलने के बाद लगभग बेकार हो जाते हैं वहीं इलेक्ट्रिक कार्स की लाइफ 16 लाख किलोमीटर तक रहेगी। रिपोर्ट के मुताबिक इंटरनल कम्बस्शन इंजन के वाहनों की कीमत में भी इजाफा होगा। वहीं 2025 तक लगभग सभी तरह की कार्स जैसे बस, ट्रैक्टर, वैन्स, टू-व्हीलर्स सभी इलेक्ट्रिक होंगे।

स्टडी के मुताबिक इंटरनल कम्बस्शन इंजन 1910 से चले आ रहे हैं, जिससे वायु प्रदूषण की समस्या भी बढ़ी है। ऐसे में इस स्थिति से निपटने के लिए भी इलेक्ट्रिक कार्स की संख्या में इजाफा होगा। दुनियाभर में इलेक्ट्रिक कार्स का भविष्य उज्ज्वल माना जाता है। ऐसे में ऑडी, वॉक्सवेगन, मर्सिजीड-बेंज समेत कई ऑटोमोबाइल मैनुफैक्चरर्स इलेक्ट्रिक वाहन बनाने की तकनीक पर जोर दे रहे हैं।

Sponsored



Follow Us

Yop Polls

तीन तलाक से सबसे ज़्यादा फायदा किसको?

Young Blogger

Dont miss

Loading…

Subscribe

यूथ से जुड़ी इंट्रेस्टिंग ख़बरें पाने के लिए सब्सक्राइब करें

Subscribe

Categories