Friday, September 1st, 2017 17:53:08
Flash

फिर रैनसमवेयर का शिकार हुए 4 देश, भारत की बड़ी शिपिंग कंपनी “जेएनपीटी” पर भी हमला




36-CyberAttack_5

रैनसमवेयर के हमले के बाद यूरोप में एक बार फिर से सायबर अटैक हुआ है। मंगलवार को दोपहर में यूक्रेन की बड़ी कंपनियों, एयरपोर्ट्स और सरकारी विभाग के कंप्यूटरों को हैकरों ने निशाना बनाया। इस हमले की चपेट में यूरोप के अन्य देश भी आ गए हैं।

नैदरलैंड्स में भी बड़ी शिपिंग कंपनी को हैकरों ने निशाना बनाया है। इसके अलावा ब्रिटेन में भी इस अटैक का असर होने की संभावना जताई जा रही है। ब्रिटिश एड कंपनी डब्ल्यूपीपी की सेवा पर भी असर हुआ है। डेनमार्क और स्पेन की कई मल्टीनैशनल कंपनियों की भी सेवाओं के प्रभावित होने की खबर है।

विश्लेषकों के मुताबिक इस वायरस का नाम “पेटरैप” या “पेटया” है जो रैनसमवेयर वानाक्राई की तरह ही काम कर रहा है। हैकरों ने यूक्रेन के सरकारी विभाग, केंद्रीय बैंक, सरकारी विमान कंपनी और कीव में एयरपोर्ट के साथ मेट्रो नेटवर्क को निशाना बनाया। हैकिंग के बाद से सभी सेवाएं बाधित हुई है। इससे पहले यूरोप समेत दुनिया के कई देशों में सायबर हमला हुआ था। ब्रिटेन, अमरीका, चीन, रूस, स्पेन, इटली, वियतनाम समेत कई देशों में रैनसमवेयर साइबर हमला हुआ था और इसका सबसे अधिक असर इंग्लैंड की सरकारी सेवाओं पर पड़ा था।  कैसपरेस्की लैब की रिपोर्ट के मुताबिक रूस समेत 74 देशों में 45,000 सायबर हमले हुए थे।

jnpt-pprt_1498620633

भारत का कंटेनर पोस्ट जेएनपीटी पेटया रैंसमवेयर की चपेट में

भारत का कंटेनर पोस्ट जेएनपीटी (जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट) पेटया रैंसमवेयर की चपेट में आ गया है। जेएनपीटी भारत की बड़ी शिपिंग कंपनी है।  हैकरों ने नैदरलैंड्स में भी बड़ी शिपिंग कंपनी को निशाना बनाया है। इसके अलावा ब्रिटेन में भी इस अटैक का असर होने की संभावना जताई जा रही है। ब्रिटिश एड कंपनी डब्ल्यूपीपी की सेवा पर भी असर हुआ है। डेनमार्क और स्पेन की कई मल्टीनैशनल कंपनियों की भी सेवाओं के प्रभावित होने की खबर है। हैकरों ने यूक्रेन के सरकारी विभाग, केंद्रीय बैंक, सरकारी विमान कंपनी और कीव में एयरपोर्ट के साथ मेट्रो नेटवर्क को निशाना बनाया। हैकिंग के बाद से सभी सेवाएं बाधित हुई है।

वानाक्राई के तरीकों को इस्तेमाल
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह पिछले महीने हुए वानाक्राई रैंसमवेयर जैसा हमला है। वायरस उन्हीं कमजोरियों का इस्तेमाल कर रहा है जो पिछले महीने वॉनाक्राई रैंसमवेयर ने इस्तेमाल की थीं। सरे यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर वैज्ञानिक ऐलन वुडवर्ड ने कहा कि यह पिछले साल सामने आए रैनसमवेयर के एक हिस्से का ही एक प्रकार हो सकता है। हेलेंस्की स्थित साइबर सुरक्षा कंपनी एफ-सिक्योर के मुख्य रिसर्च अधिकारी मिक्को हाइपोनेन ने कहा कि एक बार फिर वानाक्राई ने हर ओर दहशत मचा दी है।

Sponsored



Follow Us

Yop Polls

तीन तलाक से सबसे ज़्यादा फायदा किसको?

Young Blogger

Dont miss

Loading…

Related Article

No Related

Subscribe

यूथ से जुड़ी इंट्रेस्टिंग ख़बरें पाने के लिए सब्सक्राइब करें

Subscribe

Categories