एक बार फिर दुनिया के सामने पाक को बेनकाब करेगा भारत
भारत एक बार फिर पाक को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर घेर सकता है। बता दें कि शनिवार से गोवा में ब्रिक्स सम्मेलन का आयोजन होने जा रहा है। ख़ास बात ये है कि इस सम्मेलन की मेजबानी भारत ही करेगा। सूत्रों के अनुसार भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी चिंगफिंग के साथ मिलकर पाकिस्तानी आतंकवाद का मुद्दा उठा सकते हैं। इसके साथ ही भारत आतंकवाद और आतंकवाद को समर्थन देने वाले के ख़िलाफ़ कड़े कदम उठाने की मांग भी कर सकता है। बता दें कि इससे पहले भी भारत संयुक्त राष्ट्र महासभा , जी 20 जैसे विश्व मंचों से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का मुद्दा उठा चुका है। जी 20 में पाक का नाम लिए बिना पीएम मोदी ने कहा था दक्षिण एशिया का एक देश इस क्षेत्र में आतंकवाद फैला रहा है। इतना ही नहीं संयुक्त राष्ट्र की महासभा की बैठक को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी पाक पर निशाना साधा था। स्वराज ने कहा था, जिंदा पकड़े गए एक आतंकी ने स्वीकार किया है कि आतंकवाद को फैलाने में पाकिस्तान का हाथ है। सीमा पार आतंक का इससे बड़ा सबूत और क्या हो सकता है।
भारत में होने वाली बैठकों का बढ़ा है महत्व
जब से पाकिस्तान में सार्क सम्मेलन के रद्द होने के बाद भारत में हो रही इन बैठकों का महत्व बढ़ गया है। बता दें कि शनिवार को होने जा रहे इस सम्मेलन में BRICS BIMSTEC की बैठक भी होगी। इस बैठक में भूटान के प्रधानमंत्री, बांग्लादेश , नेपाल ,श्रीलंका, थाइलैंड और म्यांमार के नेता शामिल होंगे।
ब्रिक्स से पहले राजनाथ ने पाक को दिया जवाब
ब्रिक्स सम्मेलन के महज़ एक दिन पहले इशारों ही इशारों में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है। राजनाथ ने कहा , चुनौतियां बहुत सारी हैं जैसा कि टेररिजम। अब कोई देश इसे अपनी पॉलिसी ही बना दे तो ये कितने दुर्भाग्य की बात है। हमारे और आपके मतभेद हो सकते हैं। हमारी और आपकी सोच में अंतर हो सकता है। किसी भी मुद्दे पर मतभेद हो सकते हैं। ऐसे में क्या इन मतभेदों को हल करने के लिए हमें बंदूक का सहारा लेना होगा? यदि हमारे मतभेद हैं तो हम मिल बैठकर हल निकाल सकते हैं। आतंकवाद आज भारत ही नहीं , दुनिया के कई देशों को भुगतना पड़ रहा है। पूरी ग्लोबल कम्युनिटी के एकजुट होने की ज़रूरत है। टेररिजम की कोई जाति नहीं होती। टेररिजम का कोई धर्म नहीं है। कुछ लोग इसे धर्म से जोड़ते हैं।
क्या है ब्रिक्स सम्मेलन?
ब्रिक्स की स्थापना वर्ष 2011 में हुई थी। ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, इंडिया, चाइना, साउथ अफ्रीका) देशों का एक ग्रुप है।इसमें शामिल देशों, जिनकी संयुक्त अनुमानित जीडीपी लगभग 16,000 अरब अमेरिकी डॉलर है। इस ग्रुप को बनाने का मकसद अपने इकॉनोमिक और पॉलिटिकल दबदबे से वेस्टर्न कंट्री के रुतबे को चुनौती देना है। ब्रिक्स ने वॉशिंगटन में मौजूद इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड और वर्ल्ड बैंक के मुकाबले अपना खुद का बैंक बनाया है।