क्या आपने भगवान श्री कृष्ण को कभी बूढ़ा देखा है? याद करिए कोई ऐसा चित्र कहीं देखा या सुना हो। नहीं याद आया ना। आएगा भी नहीं, क्योंकि कृष्ण कभी बूढ़े हुए ही नहीं थे। हम आपको बता रहे हैं भगवान श्री कृष्ण के जीवन के ऐसे राज जो आपने कभी नहीं सुने होंगे। यह सब राज सुने हुए नहीं हैं अपितु वेदों से लिए गए हैं जिनके मजबूत आधार हैं। भगवान कृष्ण जब महाभारत के कुरुक्षेत्र में अर्जुन को गीताज्ञान दे रहे थे तब उनकी आयु 90 वर्ष थी।
महाभारत के समय तक दादा बन चुके थे
महाभारत के समय तक वे परदादा बन चुके थे। इतना होने के बावजूद भी युद्ध के दौरान युवा थे। आद्यं पुराण पुरुषं नव यौवनं च, ब्रह्म संहिता के श्लोकों में कृष्ण की उम्र का पूरा वर्णन है। इसके अनुसार उनकी छवि सभी भक्तजनों में चिरयुवा की है और सदा रहेगी।
सर्वाकर्षक हैं कृष्ण
श्रीकृष्ण परम पुरुषोत्तम भगवान हैं क्योंकि वे सर्वाकर्षक हैं। कोई सर्वाकर्षक किस तरह हो सकता है? सबसे पहली बात यह है कि यदि कोई अत्यंत धनी है, तो वह सामान्य जनता के लिए आकर्षक हो जाता है। यदि कोई अत्यंत सुन्दर या ज्ञानी या सभी प्रकार की संपदा से अनासक्त होता है, तो वह भी आकर्षक हो जाता है। अतः हम अनुभव के आधार पर यह देखते हैं कि कोई भी व्यक्ति संपत्ति, शक्ति, यश, सौन्दर्य, ज्ञान तथा त्याग के कारण आकर्षक बनता है। जिस किसी के पास ये छह ऐश्वर्य एक साथ असीम मात्र मे हों, तो यह समझना चाहिए कि वह परम पुरुषोत्तम भगवान है। विष्णु पुराण के श्लोकों में परम भगवान के ये छह ऐश्वर्य महान वेदाचार्य पराशर मुनि ने विस्तार से वर्णित किए हैं। इस प्रकार हम यह समझ सकते हैं कि श्रीकृष्ण केवल एक असाधारण ऐतिहासिक व्यक्ति नहीं, अपितु साक्षात्परम पुरुषोत्तम भगवान हैं तथा मनुष्य जीवन का उद्देश्य पूर्णतः उनके शरणागत होना है।