नगर विमानन निदेशालय ने सिविल एविएशन रैगुलेशन में संशोधन किया है। हवाई टिकट रद्द कराने पर मिलने वाले रिफंड और उड़ान रद्द होने या बोर्डिंग से मना किए जाने पर यात्रियों को ज्यादा रिफंड और हर्जाना मिलेगा। जो एक अगस्त से लागू हो जाएंगे। नए नियमों के अनुसार टिकट रद्द कराने या यात्रियों के उड़ान छोड़ देने की स्थिति में विमान सेवा कंपनी सभी धन सरचार्ज का योग हर्जाने के रूप में मिलेगा। ये नियम सभी प्रकार के ऑफरों के तहत बुक कराए गए टिकटों पर भी लागू होगा। उन टिकटों पर भी जिनमें मूल किराया नॉन-रिफंडेबल है।
ये नियम होंगे लागू-
– एयरलाइन रिफंड प्रक्रिया के नाम पर प्रोसेसिंग फी भी नहीं ले सकती।
– सीट से ज्यादा बुकिंग या इसके बाद बोर्डिंग से मना कर देने पर एयरलाइन्स को बीस हजार रूपए तक का हर्जाना देना होगा।
– यदि एयरलाइन्स बोर्डिंग से मना कर देने के बाद एक घंटे के भीतर की दूसरी उड़ान में यात्री को सीट मुहैया करा देती है, तो उसे कोई हर्जाना नहीं देना होगा। लेकिन यदि तय समय से एक घंटे के बाद , लेकिन 24 घंटे से पहले की किसी उड़ान में वह सीट मुहैया कराती है तो मूल किराया और ईधन सरचार्ज का दो सौ प्रतिशत हर्जाना देना होगा।
– यदि वैकल्पिक उड़ान घंटे के बाद उपलबध कराई जाती है, तो उस स्थिति में हर्जाना मूल किराए और ईधन सरचार्ज के योग का चार सौ प्रतिशत हेगा।
– उड़ान रद्द होने की स्थिति में एयरलाइन्स की जिममेदारी होगी कि दो सप्ताह पहले सभी यात्रियों को सूचना दे। यदि विमान सेवा कंपनी सूचना नहीं दे पाती, लेकिन 24 घंटे से पहले बता देती है तो उसे पहले की उड़ान के तय समय से दो घंटे के भीतर जाने वाली फलाइट में सीट उपलबध करानी होगी।
– यदि किसी यात्री को ये सूचना दी ही नहीं गई है तो एक घंटे तक की उड़ान के लिए यात्री को एक तरफ का मूल किराया और ईधन सरचार्ज का योग हर्जाने के रूप में मिलेगा।
– एक घंटे से दो घंटे की फलाइट के लिए अधिकतम हर्जाना 7,500 रूपए व दो घंटे से ज्यादा की फलाइट के लिए 10 हजार रूपए होगा।