ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन ने आज दो साल की राष्ट्रीय परीक्षा रद्द करने के खिलाफ यूजीसी मुख्यालय में विरोध प्रदर्शन किया है। र्आइसा ने कहा है कि यूजीसी ने जुलाई में होने वाली नेट परीक्षा रद्द कर दी है और अब इसके लिए 19 नवंबर की तारीख तय की है। साथ ही जेआरएफ की संख्या में छह प्रतिशत की सीमा और कटौती की बात कही है।
जेएनयू, डीयू, जामिया मीलिया ओर एमजी यूनिवर्सिटी के छात्रों ने यूजीसी नेट के बायएन्युल साइकिल के तत्काल बहाली की मांग की है और सुनिश्चित किया है कि एनईटी परीक्षा मौजूदा नियमों के अनुसार साल में दो बार आयोजित की जाती है। यदि ये परीक्षा में साल में एक बार होगी तो इसमें उत्तीर्ण होने वाले छात्रों की संख्या आधी रह जाएगी। उन्होंने यूजीसी की यूजीसी नेट की योग्यता के लिए छह प्रतिशत कैप को भी रद्द करने की मांग की है।
एआईएसए डीयू की अध्यक्ष कवलप्रीत कौर ने कहा है कि उच्च शिक्षा में फैलोशिप कटौती के लिए एक अनुचित तरीका अपनाने के लिए एक चाल के सिवा कुछ भी नहीं है। इससे पहले भी यूजीसी ने 2015 में नॉन नेट फैलोशिप में कटौती करने की कोशिश की थी। उन्होंने बताया कि हम एक ऑनलाइन याचिका भ्ी चला रहे हैंजो यूजीसी अध्यक्ष को सौंपी जाएगी। इस पर अब तक 2 हजार से ज्यादा छात्रों ने हस्ताक्षर कर दिए हैें।
सीबीएसई ने 6 जून को एक अधिसूचना प्रकाशित कर इस बात की जानकारी दी थी कि एनईटी परीक्षा 19 नवंबर को होगी। , इसका मतलब तो ये ही है कि जुलाई 2017 में ये परीक्षा स्किप कर दी जाएगी। हालांकि इस फैसले से टीचिंग प्रोफेशन में जाने के इच्छुक प्रतिभागियों के करियर पर असर जरूर पड़ेगा।