
JNUSU 2017 की अध्यक्ष गीता ने निर्भया गैंगरेप के खिलाफ छेड़ा था आंदोलन
Surbhi Bhatewaraदेश और दुनिया की अग्रणी यूनिवर्सिटी के तौर पर मशहूर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में लेफ्ट यूनिटी की कैंडिडेट गीता कुमारी ने अध्यक्ष पद पर जीत हासिल कर ली हैं। उन्हें कुल 1506 वोट मिले। विद्यार्थी परिषद की नजदीकी उम्मीदवार को 1042 वोट मिले, उनके साथ सेंट्रल पैनल में जीतने वाले अन्य तीन उम्मीदवार भी लेफ्ट से ही हैं। गौरतलब है कि गीता कुमारी छात्र संगठन एआईएसए का हिस्सा हैं। इस बार एआईएस, एसआईएफ और डीएसफ के साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे थे।
कौन हैं गीता कुमारी?
गीता कुमारी हरियाणा के पानीपत की रहने वाली हैं। इनके पिता भारतीय सेना में हैं और फिलहाल जोधपुर में तैनात हैं। गीता ने इलाहाबाद और गुवाहाटी के आर्मी स्कूल से पढ़ाई की। इनके परिवार में उनके माता पिता के अलावा एक भाई और एक बहन है। 2011 में जेएनयू में गीता ने बीए कोर्स में एडमिशन लिया। गीता जेएनयू की जेंडर सेंसेटाइजेशन कमेटी का चुनाव भी जीतीं हैं। गीता आइसा यानी ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन की सदस्य हैं। फिलहाल गीता स्कूल ऑफ सोशल साइंस से एमफिल कर रही हैं। मॉर्डन हिस्ट्री में सेकेंड ईयर की स्टूडेंट हैं।

राजनीतिक तजुर्बे में सबसे बड़ी है गीता
एआईएसए की जेएनयू यूनिट के अध्यक्ष रामा नागा ने बताया कि गीता राजनीतिक तजुर्बे के लिहाज से सभी उम्मीदवारों में सबसे सीनियर थीं। उन्होंने बताया कि कैंपस में आने के बाद से ही गीता महिलाओं के मुद्दों को लेकर अग्रणी रही हैं। रामा ने बताया कि 2012 में निर्भया कांड के बाद जेएनयू छात्रों ने जो बड़ा आंदोलन खड़ा किया उसमें गीता ने लीड रोल निभाया।
9 फरवरी के बाद बढ़ा दबाव
9 फरवरी की घटना के बाद देशभर में जेएनयू को लेकर जो धारणा बनी उसका असर भी गीता पर पड़ा। गीता कुमारी ने आजतक से बातचीत में बताया कि इस दौरान उनकी फैमिली की चिंता बढ़ गई थीं। घर से हर रोज फोन कॉल आते थे। घरवाले कहते थे कि सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान दो। उन्होंने बताया कि वो वक्त बेहद दबावपूर्ण था, मगर उनके माता-पिता का साथ उन्हें मिलता रहा। हालांकि, गांववालों और दूसरे लोगों की तरफ से हमेशा उनकी राजनीतिक सक्रियता को लेकर सवाल उठाए जाते रहे।
रामा नागा ने बताया कि बीजेपी और आरएसएस के लोग जेएनयू कैंपस में टैंक रखने की बात करते हैं। राष्ट्रवाद को लेकर दिखावा करते हैं। रामा ने कहा कि जेएनयू के तमाम ऐसे छात्र हैं, जिनके घरवाले सेना में हैं। मगर वो उसकी नुमाइश नहीं करते। रामा ने बताया हम सभी सेना की इज्जत करते हैं और आज जेएनयू के अध्यक्ष पद पर एक जवान की बेटी विराजमान हैं।