Thursday, August 31st, 2017
Flash

ट्रंप इफेक्ट: भारतीयों को कम नौकरी देंगी अमेरिकी कंपनियां




Education & Career

donald-trump

डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति चुने जाने के बाद अमेरिका में रह रहे प्रवासी भारतीयों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है। ट्रंप की ओर से वीजा के मामले में संरक्षणवादी नीति अपनाए जाने की आशंका के चलते भारतीय आईटी कंपनियों ने स्थानीय अमेरिकियों की बड़े पैमाने पर नियुक्ति शुरू करने वाली है।

अमेरिका में भारतीय आईटी कंपनियों का कारोबार 150 अरब अमेरिकी डॉलर यानी करीब 10 लाख 28 हजार करोड़ रूपए का है। अंग्रेजी वेबसाइट रायटर्स के मुताबिक दिग्गज भारतीय आईटी फर्म्स अमेरिका में अपना अधिग्रहण और कॉलेजों से नए एंप्लॉयीज की भर्ती में इज़ाफा करेंगी।

donald-trump-2

टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, इन्फोसिस और विप्रो जैसी कंपनियां अमेरिका में एच1-बी वीजा के जरिए बड़े पैमाने पर भारत से एंप्लॉयीज को ले जाती रही हैं। अमेरिकियों के मुकाबले अपेक्षाकृत कम वेतन के चलते कंपनियां भारतीय कम्प्यूर इंजिनियरों को तवज्जो देती रही हैं। 2005 से 14 के दौरान इन तीन कंपनियों में एच1-बी वीजा पर काम करने वाले एंप्लॉयीज का आंकड़ा 86,000 से अधिक था।

फिलहाल अमेरिका हर साल इतने लोगों को एच1-बी वीजा देता है। नए चुने गए राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप अपने चुनाव प्रचार के दौरान कई बार अमेरिकी वीजा नीति को कड़ा किए जाने की वकालत कर चुके हैं। इसके अलावा उनकी ओर से अटॉर्मी जनरल के पद के लिए चुने गए जेफ सेशन्स भी अमेरिकी वीजा नीति को और सख्त किए जाने के हिमायती हैं।

विश्लेषकों का मानना है कि डॉनल्ड ट्रंप प्रशासन की ओर से वीजा को लेकर कड़ी नीति अपनाने पर भारतीय आईटी कंपनियां अमेरिका में कम डिवेलपर्स और इंजिनियरों को ले जाएंगी, बल्कि वहीं के कॉलेजों से कैंपस प्लेसमेंट पर जोर दे सकती हैं। इन्फोसिस के राव ने कहा, ’यदि यहां एंप्लॉयीज की पर्याप्त उपलब्धता होती है तो हमें स्थानीय लोगों को हायर करना होगा। खासतौर पर यहां की यूनिवर्सिटीज से हमें फ्रेशर्स को लेना होगा।’

Sponsored



Follow Us

Yop Polls

तीन तलाक से सबसे ज़्यादा फायदा किसको?

Young Blogger

Dont miss

Loading…

Subscribe

यूथ से जुड़ी इंट्रेस्टिंग ख़बरें पाने के लिए सब्सक्राइब करें

Subscribe

Categories