कैदी ने बदल दी जेल की सूरत, बनाया कैशलेस और हाईटेक
ये कहानी है हरियाणा की भोंडसे जेल की जहां साल 2013 में एक कैदी आया अमित मिश्रा। पेशे से अमित मिश्रा एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर था और उन पर दहेज हत्या का आरोप साबित हो गया था। इसी की सजा काटने के लिए अमित मिश्रा को भोंडसे जेल भेजा गया। शुरूआत में अमित मिश्रा अन्य कैदियों की तरह ही अपने दिन काट रहे थे। दिनभर काम करना और रात को सो जाना यही अमित मिश्रा का रूटिन था। लेकिन किसे पता था कि एक कैदी जेल की हालत बदल देगा।
अमित के रूटीन का सिलसिला यूं ही चलता रहा लेकिन एक दिन अमित ने फैसला किया कि वो अन्य कैदियों की तरह काम नहीं करेगा उसके पास जो टैलेंट है वो उसका इस्तेमाल जेल में ही करेगा। अमित मिश्रा ने जेल में अर्जी लगाई कि वो जेल के लिए सिस्टम सॉफ्टवेयर बनाना चाहता है जिससे जेल को फायदा होगा। उसकी अर्जी पास हो गई और अमित मिश्रा अपने काम में लग गए।
अमित मिश्रा इतने दिनों तक जेल में रहा था और जेल में होने वाली परेशानियों से रूबरू हो चुका था वो जानता था कि वहां आने वाले लोगों और कैदियों को कितनी परेशानी होती है। अमित ने इन्हीं परेशानियों को ध्यान में रखकर जेल का सिस्टम हाईटेक किया और जेल की सूरत बदल दी।
अमित के हाईटेक सिस्टम से जेल में आने वाले कैदियों तथा उनसे मिलने आने वाले लोगों का डाटा एक बार तैयार किया जाता है। आमतौर पर जेल में अगर कैदी से मिलना हो, उन्हें खाना देना हो और अन्य कोई भी काम हो तो उन्हें टोकन दिया जाता है अगर ये टोकन घुम जाए तो मुसीबत हो जाती है। अमित ने ये सभी सिस्टम हटाकर सब ऑनलाइन कर दिया। कैंटीन में भी सिस्टम के जरिए ये सुविधा दी गई कि वे अपना पैमेंट ऑनलाइन कर सकें। जिससे देश कैशलेस हो सके। अमित ने अपने साथ जेल के चार-पांच कैदियों को भी कंप्यूटर सिखाया और उन्हें इस सिस्टम के बारे में जानकारी दी ताकि वे इसे हैंडल कर सकें।
अमित मिश्रा का ये सॉफ्टवेयर सिस्टम पहले तो एक ही जेल में था लेकिन जब सरकार ने इसे देखा तो राज्य के 19 जिलों में इसे लागू कर दिया। अब हरियाणा के 9 जिलों में इस सॉफ्टवेयर का यूज होता है। इस सॉफ्टवेयर की मदद से कैदी का सारा रिकॉर्ड एक ही क्लिक पर हाजिर हो जाता है वहीं जेल के सभी कैंटीन भी कैशलेस हो गए है। अमित मिश्रा अब जेल से छूट चुके हैं लेकिन वे अब भी हरियाणा पुलिस से जुड़े हुए है और उनकी मदद कर रहे हैं।
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