खाली है अमिताभ बच्चन का दिमाग
एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मार्कंडेय काटजू अपने बयान के कारण सुर्खियों में आ गए हैं। इस बार काटजू ने बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन पर निशाना साधा हैं। शनिवार को काटजू ने अपने फेसबुक अकांउट पर एक पोस्ट की। इस पोस्ट में उन्होंने लिखा कि ”अमिताभ बच्चन एक ऐसे शख्स हैं जिनके दिमाग में कुछ भी नहीं है लेकिन फिर भी ज्यादातर मीडिया उनकी तारीफ करता है। मुझे संदेह है कि उनके दिमाग में शायद ही कुछ है।” बता दें कि काटजू के इस पोस्ट को 4700 से ज्यादा लोगों ने लाइक किया और तकरीबन 250 से ज्यादा लोगों ने इस पोस्ट को शेयर किया। काटजू के इस बयान के बाद सोशल नेटवकिंग साइट पर बवाल मच गया है। अमिताभ के फैंस ने उनसे वजह पूछी। इस पर काटजू ने फिर एक पोस्ट की। इस पोस्ट में उन्होंने यूजर्स को वजह बताई।
काटजू ने लिखा अपनी पोस्ट में
”कार्ल मार्क्स ने कहा था कि जन समुदास के लिए धर्म अफीम की तरह है। जिसका इस्तेमाल शासक ड्रग्स की तरह करते है ताकि लोगों को शांत रखा जाए। वे विद्रोह नहीं कर पाएं। भारतीय लोगों के लिए कई तरह के ड्रग्स की जरूरत है। एक उनके लिए काफ़ी नहीं है। धर्म केवल एक ड्रग्स है। अन्य ड्रग्स में फ़िल्म, मीडिया, क्रिकेट, ज्योतिष विज्ञान, बाबा इत्यादि हैं।”
काटजू ने अपनी पोस्ट में आगे लिखा, ”हमारे शासक भी भारतीय लोगों को शांत रखने के लिए इनका इस्तेमाल करते हैं। रोमन शासक कहते थे ,अगर आप लोगों को रोटी नहीं दे सकते तो उन्हें सर्कस दे दीजिए। हमारी फ़िल्म सर्कस की तरह हैं। हमारे शासक लोगों को रोजगार, स्वास्थ्य, सुविधा, भोजन, अच्छी शिक्षा नहीं दे सकतें तो उनको फ़िल्म मुहैया कराते हैं। काटजू ने आगे लिखा अमिताभ बच्चन की फ़िल्में भी देव आनंद, शम्मी कपूर और राजेश खन्ना की फ़िल्मों की तरह ही ड्रग्स हैं। ये फ़िल्में लोगों को भरोसे वाले दुनिया में ले जाते हैं। ये फ़िल्में हमारी शासकों के लिए भी उपयोगी हैं क्योंकि लोग इससे शांत रहते हैं।”
काटजू का सवाल अमिताभ में एक्टर के अलावा और है ही क्या ?
काटजू ने अपनी पोस्ट में अभिनेता अमिताभ के संबंध में पूछा है एक सवाल भी किया है। काटजू ने लिखा, ”एक अच्छे अभिनेता होने के अलावा, अमिताभ में क्या है? क्या उन्होंने देश की विशाल समस्याओं के हल के लिए कोई वैज्ञानिक सुझाव दिया है? कोई नहीं। समय-समय पर वे मीडिया चैनल पर आकर ज्ञान और प्रवचन देते हैं। कई बार उन्हें अच्छा काम करते हुए दिखाया जाता है। लेकिन जब ढेरों रुपए हो तो ऐसा कौन नहीं कर सकता?”