टीवी के लिए सीरियल्स लिखते थे, पहली ही फिल्म ने जीता नेशनल अवॉर्ड
मुंबई सपनों की दुनिया है जहां हर आदमी अपना एक सपना लेकर आता है। इसी सपनों के शहर में बनती हैं समाज का आईना दिखाने वाली फिल्में, जिनसे कभी हम इंस्पायर होते है तो कभी इन फिल्मों को देखकर बोर हो जाते है। इस शहर की इन फिल्मों के बारें में कुछ कहा नहीं जा सकता। कौन सी फिल्म चलेगी, कौन सी पिटेगी या कौन सी फिल्म अवार्ड जीतेगी। ये तो जनता ही तय करती है। मुंबई में वैसे तो कई फिल्ममेकर्स है और उनकी कई सारी फिल्म हिट भी हुई है। लेकिन एक फिल्ममेकर ऐसा भी है जिसकी डेब्यू फिल्म ही नेशनल अवार्ड जीत कर लाई थी। हम बात कर रहे है मुंबई में ही जन्म आनंद गांधी की जिनकी पहली फिल्म ‘शिप ऑफ थिसिस’ ने नेशनल अवार्ड जीता था। 26 सितंबर को इनके जन्मदिन के मौके पर हम आपको बताने जा रहे है इनकी ज़िन्दगी के बारें में कुछ ख़ास बातें…
आनंद गांधी का जन्म 26 सितंबर 1980 को मुंबई में हुआ था। आनंद गांधी मुंबई में ही एक फिल्ममेकर और मीडिया प्रोड्यूसर हैं। उन्होंने कई पॉपुलर टीवी सीरियल्स लिखे है। इसके अलावा वे कई सारी शार्ट मूवी भी बना चुके है। डायरेक्टर के रूप में उनकी पहली फिल्म ‘राइट हियर राइट नाउ’ थी जो कि 30 मिनट की एक शार्ट मूवी थी। इस फिल्म को आलोचकों की काफी सराहना मिली थी।
इनकी दूसरी फिल्म ‘कॉन्टीनम’ थी जिसे उन्होंने खूश्बू रांका के साथ मिलकर डायरेक्ट किया था। आनंद गांधी ने साल 2000 में सीरियल्स के लिए लिखना शुरू किया। आनंद गांधी ने टीवी के पॉपुलर शो ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ के पहले 82 ऐपीसोड के डायलॉग लिखे थे। इसके अलावा उन्होंने ‘कहानी घर घर की’ का स्क्रीनप्ले लिखा था। ये शो टीवी पर काफी लंबा चला था।
आनंद गांधी की पहली डेब्यू फिल्म ‘शिप ऑफ थिसिस’ थी। इस फिल्म को 2012 टोरंटो फिल्म फेस्टीवल में दिखाया गया था। इस फिल्म ने नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर कई अवार्ड जीते। इस फिल्म को ‘बेस्ट पिक्चर’ कैटेगरी में नेशनल फिल्म अवार्ड मिला था। फिल्म को टोक्यो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टीवल में बेस्ट सिनेमेटोग्राफी अवार्ड भी मिला था।
इन दिनों आनंद गांधी अपनी डॉक्यूमेंट्री को लेकर काफी सुर्खियों में है। उनकी ये डॉक्यूमेंट्री अरविंद केजरीवाल पर आधारित है। इस डॉक्यूमेंट्री का टाइटल ‘ऐिरकिका’’ है। इस डॉक्यूमेंट्री को भी टोरंटो फिल्म फेस्टीवल में दिखाया गया है।