अनिल बैजल बने दिल्ली के नए एलजी
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नजीब जंग के इस्तीफ़े के बाद आखिरकार शनिवार को दिल्ली का नया उपराज्यपाल मिल ही गया। दिल्ली सीएम अरविन्द केजरीवाल की मौजूदगी में रिटायर्ड आईएएस अधिकारी अनिल बैजल ने राज्य के 21 वें उपराज्यपाल के तौर पर शपथ ली। वैसे इस मौके पर दिल्ली सरकार के वरिष्ठ नौकरशाह और कई अन्य जाने माने लोग मौजूद थे। दिल्ली हाईकोर्ट की चीफ़ जस्टिस जी रोहिणी ने बैजल को उपराज्यपाल के तौर पर शपथ दिलाई। शपथ लेने के बाद बैजल ने कहा कि उनकी कोशिश दिल्ली की समस्याओं को कम करने की होगी।
कौन हैं अनिल बैजल?
-अनिल बैजल ने वर्ष 1969 में यूटी कैडर से आईएएस के रूप में सर्विस शुरू की थी। उन्हें शहरी इलाकों में इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधारने के लिए जवाहर लाल नेहरू रिन्यूअल मिशन के फ्लैगशिप प्रोग्रैम का पायलट माना जाता है। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय और ईस्ट एंगिला यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है।
– बैजल को मौजूदा केंद्र सरकार और नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर अजित डोभाल का करीबी माना जाता है।
-वह थिंक टैंक विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन की एग्ज्यूक्यूटिव के सदस्य भी रहे हैं।
-इतना ही नहीं बैजल अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में गृह सचिव भी रहे हैं।
-अपने 37 साल के करियर में बैजल प्रसार भारती के सीईओ, गोवा के डिवेलपमेंट कमिश्नर और नेपाल में भारत के सहयोग कार्यक्रम के काउंसलर जैसे कई अहम पदों पर रहे हैं।
-वह भारती कारपोरेशन के चीफ ऐग्जिक्युटिव भी रह चुके हैं।
-इसके साथ ही बैजल दिल्ली में डीडीए के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। माना जाता है कि उनके कार्यकाल के दौरान डीडीए और ज्यादा पब्लिक फ्रेंडली और पारदर्शी बनी थी।
ग़ौरतलब है कि 22 दिसम्बर को नजीब जंग ने अचानक उपराज्यपाल के पद से इस्तीफ़ा दे दिया था। इस्तीफ़ा देने के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल सहित जनता का शुक्रिया अदा किया था। जंग की ओर से एलजी हाउस ने एक बयान भी जारी किया था। जिसमें कहा गया था कि, ”जंग अब वापस अपने प्यार यानी कि एकेडेमिक्स में जाएंगे।” जंग को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का समर्थन मिला। राष्ट्रपति ने उनके इस्तीफ़े को मंजूर कर लिया।
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