जब छोटी थी तब ही सपना देख लिया था बड़ा हो कर क्या बनना है और वहीं सपना हकीकत में जी रही है। अन्नी दिव्या दुनिया की सबसे यंगेस्ट महिला कमांडर है, जो बोइंग 777 (Boieng 777) विमान उडाती हैं। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए इतना आसान नहीं था। लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत से अपनी मंजिल तक पहुंचने में कामयब हुई। सूत्रों के मुताबिक उन्हें शुरूआत में काफी संघर्ष करना पड़ा था, लेकिन आज वे अपने सपने को जी रहीं है।
आम परिवार से है अन्नी दिव्या
पठानकोट में जन्मी दिव्या के पिता आर्मी में थे और वे वही पोस्टेड थे। उनके रिटायरमेंट के बाद वे सभी एक साथ विजयवाडा आ गए थे। दिव्या ने वहीं से अपनी पढ़ाई पूरी की। दिव्या की मां हमेशा उनका हौसला बढ़ाती थीं| दिव्या ने अपने परिवार में आर्थिक चुनौतियों का भी सामना किया। 12वीं के बाद जब दिव्या 17 साल की हो गई थीं, उत्तर प्रदेश के फ्लाइंग स्कूल इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी में एडमिशन लिया था। आर्थिक तंगी के कारण पिता ने एडमिशन और आगे की पढ़ाई के लिए कर्ज लिया था। रिश्तेदार और दोस्त हमेशा उनको पायलट बनने के लिए मना करते थे। कई बार उन पर इंजीनियर व डॉक्टर बनने के लिए भी दबाव बनाया जाता था।
अंग्रेजी के कारण लोग उड़ाते थे मज़ाक
एक छोटे से शहर से एक बड़े शहर में आना दिव्या के लिए आसान नहीं था। वहां के माहौल में एडजस्ट होने में कठिनाई और उसके बाद इंग्लिश बोलने में। दिव्या शुरू में इंग्लिश पढ़-लिख लेती थी। मगर उनके लिए इंग्लिश में बोलना एक कठिन चुनौती की तरह था। लोग उनके अंग्रेजी में बोलने का मजाक उड़ाया करते थें और ये बात उन्हें काफी हर्ट करती थी। कई बार उनके मन में अकादमी छोड़ने का विचार भी आया, घर जाने का मन भी बना लेती थी, मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया और वह डटी रही।
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