Friday, September 1st, 2017 18:42:22
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तीन शादियां कर चुके हैं ‘भजन सम्राट’, तीसरी वाइफ थी पीएम की भतीजी




तीन शादियां कर चुके हैं ‘भजन सम्राट’, तीसरी वाइफ थी पीएम की भतीजीEntertainment

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जमाना, जमाना, जमाना… जमाना अब बदल गया है। अब दिन की शुरूआत कुछ अलग चीज़ों से होती है। बात अगर पुराने जमाने की करें तो सुबह-सुबह लोगों के कानों में मंदिर में घंटियों और आरती की आवाज आती थी। सुबह-सुबह लोग भगवान के भजन गाया करते थे और अब हिप-हॉप, पॉप, रॉक न जाने क्या-क्या?

चलिए जो भी है चूंकि अब जमाना बदल गया है तो सभी को बदले हुए जमाने के साथ रहना पड़ेगा। लेकिन इस जमाने में हम उस जमाने की बात तो कर सकते हैं भई! उस पर तो बैन नहीं है। तो चलिए आपको कुछ साल पीछे ले चलते हैं जो थोड़ा सा धार्मिक टाइप का है। माना युवाओं को तेज म्यूजिक पसंद है लेकिन ये शख्स भी वो शख्स है जो युवाओं का साथ उस जमाने में दिया करते थे।

इंसान भले ही कितने ही इश्क-मुहब्बत, दारू-दंगड़ के गीत गा ले लेकिन मुसीबत पड़ने पर भगवान ही याद आते हैं और जब भी लोगों को भगवान याद आते हैं तो वो उनकी स्तुति या उनके भजन गाने लगता है और भजन के सम्राट तो भारत में एक ही हैं ‘अनूप जलोटा’। कुछ लोगों को शायद इनका नाम न पता हो लेकिन ये हमारे देश के प्रसिद्ध भजन सम्राट है जो देश में ही नहीं विदेशों में भी भगवान के भजन गाते हैं।

कब और कहां जन्मे अनूप जलोटा
अनूप जलोटा 29 जुलाई 1953 को नैनीताल में जन्मे थे। उत्तराखंड की वादियों में रहते-रहते इनका मन भगवान में रमा और करीब 14 साल की उम्र में इन्होंने भगवान के भजन गाना शुरू कर दिया तब से ये कारवां अभी तक चल रहा है। भजन गाने के अलावा अनूप जलोटा गजल भी गाते हैं और कुछ फिल्में भी बना चुके हैं।

भजन ही क्यों गाते हैं अनूप जलोटा
अनूप जलोटा ने बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि ‘‘भजन या गजल संगीत का हीरा है इसकी फिल्मों में अब कम अहमियत हैं ये वो मुकुट है जिसे सिर पर पहना जाता है ना कि पैरों पर’’ अनूप जलोटा कहते तो सही हैं आजकल की फिल्मों में गजलों और भजनों का स्कोप कम ही रह गया है। इन फिल्मों में अगर आइटम सॉन्ग आ जाए तो इंटरनेट पर आग लगा देता है।

अनूप जलोटा कहते हैं कि ”वे पिछले कई सालों से गा रहे हैं और उन्हें महसूस होता है कि इससे बेहतर कोई और क्षेत्र नहीं है, लोग आपको प्यार भी करते हैं, आपकी बहुत इज्जत भी करते हैं, कई लोग भजन सुनकर पैर भी छूते हैं आपको संत-महात्मा समझते हैं साथ ही आपको भजन गाने का पैसा देते हैं। मैं समझता हूं कि इससे बेहतर कोई दूसरा क्षेत्र नहीं है।”

यदि भजन को शास्त्रीय ढंग से गाया जाता है तो बेहद आदर प्राप्त किया जा सकता है। मुझे भजन गाकर ही पद्म श्री पुरस्कार मिला और डॉक्टरेट की उपाधि भी मिली। मुझे हाउस ऑफ कॉमंस इंग्लैंड ने ग्लोब अवार्ड दिया। मुझे भजन गाकर ही सबकुछ हासिल हुआ है। भजन से श्रेष्ठ गायन दूसरा नहीं है।

आपको बता दें कि अनूप जलोटा ने अपना करियर 14 साल की उम्र में शुरू किया था। तब से अब तब उन्होंने 3000 से अधिक भजन गाए है। वो कहते हैं ‘‘मैं अभी भी सीख रहा हूं। मुझे लगता है कि जो कुछ सीखे, पूरे तरीके से सीखे। सीखने के लिए इतनी चीज़ें हैं कि इसके लिए यह जीवन कम पड़ता है। हमें हर दिन कुछ नया सीखना चाहिए।’’

अनूप जलोटा की शादियां
बात अगर अनूप जलोटा की शादी के बारे में करें तो उनकी कुल तीन शादियां हुई है। उनकी पहली शादी उनकी मर्जी के बिना एक गुजराती लड़की सोनाली सेठ से हुई थी। शादी के बाद ये दोनों साथ में ही भजन प्रस्तुतियां दिया करते थे। इन दोनों का जल्द ही तलाक हो गया और सोनाली ने उनके तबला प्लेयर रूपकुमार राठौड़ से शादी कर ली।

रूप कुमार राठौड़ के साथ सोनाली सेठ

इसके बाद अनूप की दूसरी शादी बीना भाटिया से हुई लेकिन ये शादी भी जल्द ही टूट गई। अनूप जलोटा की तीसरी शादी मेधा गुजराल से हुई। मेधा गुजराल भारत के पूर्व प्रधानमंत्री इंदर कुमार गुजराल की भतीजी थी। मेधा अपने आखिरी समय में काफी लंबे समय से बीमार थी। काफी कोशिशों के बाद भी उन्हें नहीं बचाया जा सका था।

अनूप जलोटा के साथ मेधा जलोटा

अनूप जलोटा ने अपने करियर में करीब 3000 से ज़्यादा भजन गाए है जिनमें ‘ऐसी लागी लगन’, ‘जग में सुंदर हैं दो नाम’, ‘तेरे मन में राम’ जैसे भजन काफी फेमस है। अनूप जलोटा आज भी कई कार्यक्रमों में लाइव अपनी प्रस्तुति देते हैं और जहां भी जाते हैं बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सभी के बीच समां बांध देते हैं।

 

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