शरीर के किसी अंग का ट्रांसप्लांट होना इतना आसान नहीं होता। अगर ट्रांसप्लांट होने वाला ऑर्गन परिवार के ही किसी सदस्य का है तो ज्यादा दिक्कत नहीं आती, लेकिन जब किसी अनजान शख्स का ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए इस्तेमाल में लाया जाए, तो स्थिति काफी गंभीर हो जाती है। जब-जब बात आती है ऑर्गन ट्रांसप्लांट की, तो हमारे दिमाग में सबसे पहले हार्ट ट्रांसप्लांट और किडनी ट्रांसप्लांट का नाम ही आता है। लेकिन क्या आपको पता है कि हार्ट और किडनी के अलावा ऐसे कई और अंग हैं, जिनका ट्रांसप्लांट होता है। हम आपको बताते हैं ऐसे ही ऑर्गन्स के बारे में जिनका ट्रांसप्लांट मेडिकल साइंस में संभव है।
हार्ट ट्रांसप्लांट-
हार्ट हमारी बॉडी का सबसे जरूरी ऑर्गन है। अगर ये ही कमजोर पड़ जाए, तो हमारा शरीर साथ छोड़ देता है। जिन लोगों का दिल बुरी तरह से क्षतिग्रस्त होता है, उनका हार्ट ट्रांस्प्लांट किया जाता है। कई बार तो नवजात बच्चों के हार्ट में प्रॉब्लम होने से भी उनका हार्ट ट्रांसप्लांट किया जाता है। हार्ट ब्रेनडेड होने पर डोनेट किया जा सकता है और जिंदा हार्ट मृत शरीर से निकालकर 4 घंटे तक आइस में सुरक्षित रखा जा सकता है।
लीवर-
लीवर एक ऐसा ऑर्गन है, जिसे आप जिंदा रहते हुए भी डोनेट कर सकते हैं। ये शरीर में मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करता है। ये डाइजेशन और इससे संबंधित समस्या को कंट्रोल करता है। शरीर में खून की पूर्ति भी लीवर ही करता है। लीवर फेल हो जाने, सिरोसिस या कैंसिर की स्थिति में ट्रांसप्लांट किया जाता है। लीवर को 6-8 घंटे में ट्रांस्प्लांट किया जा सकता है।
किडनी-
हमारे शरीर में दो किडनी होती है। इसलिए एक स्वस्थ आदमी एक किडनी के साथ भी अच्छा जीवन बिता सकता है। इसलिए ऐसे में किडनी में एक ऐसा अंग है, जिसे जिंदा रहते हुए डोनेट किया जा सकता है। किडनी का मुख्य काम खून को साफ करना होता है। साथ ही ये यूरीन के जरिए हॉर्मफुल टॉक्सिन को बाहर निकालता है। बता दें कि किडनी सबसे ज्यादा ट्रंासप्लांट होने वाला अंग है। देश में हर साल करीब 3200 किडनी ट्रांसप्लांट होती हैं। किडनी को 24-48 घंटों के अंदर ट्रांसप्लांट किया जा सकता है।
लंग्स
लंग्स हमारी छाती में स्पंज की तरह शंकु के आकार की जोड़ी होती है। हमारी श्वांस नली इसी से जुड़ी होती है। यह वातावरण से ऑक्सीजन लेकर रक्त परिसंचरण में प्रवाहित करता है और रक्त से कार्बनडाई ऑक्साइड निकालकर वातावरण में छोड़ता है। इसका ट्रांसप्लाट ज्यादातर मृत डोनर ही करते है। बहुत ही कम मामलों में जीवित रहते हुए दान किया जाता है। लंग ट्रांसप्लांट सिस्टिक फाइब्रोसिस, सीओपीडी और वातस्फीति जैसे रोगों मे होता है। लंग्स को 4 घंटे के भीतर ट्रांसप्लांट करा जा सकता है।
पैनक्रियाज
हमारे पेट में लंबी, बिना किसी आकार की ग्लैंड होती है, जिन्हें पैनक्रियाज कहते है।जो प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स और फैट को पचाने में मदद करती है। अग्नाशय ट्रांसप्लांट टाइप 1 डायबिटीज के रोगियों का होता है। इसका ट्रांसप्लाट ज्यादातर मृत डोनर ही करते है। बहुत ही कम मामलों में जीवित रहते हुए दान किया जाता है। पैनक्रियाज को 12 घंटों के भीतर ही ट्रांसप्लांट करा जा सकता है।
इन्टेस्टाइन
इन्टेस्टाइन का ट्रांसप्लांट दो तरह से हो सकता है। इसे लाइव डोनर और मस्तिष्क मृत शरीर से भी लिया जा सकता है। इन्टेस्टाइन मानव पाचन तंत्र का एक महत्वपूर्ण भाग है जो आमाशय से आरम्भ होकर बड़ी आंत पर पूर्ण होती है और जहाँ भोजन का सबसे अधिक पाचन और अवशोषण होता है। इसको 6-12 घंटों के भीतर ही ट्रांसप्लांट करा जा सकता है। इन्टेस्टाइन का ट्रांसप्लांट आसान नहीं होता है।