अंकों से जानिए अपने मित्र एवं शत्रु को
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– By Acharyashri Dr.Dinesh Kagra
किसी भी व्यक्ति के जन्म की तारीख से मूलांक की गणना होती है। वह आपका मूलांक होता है। यदि मूलांक सिंगल नंबर में है तो ठीक है यदि डबल नंबर में है तो उसे सिंगल नंबर में बदल दीजिए। उदाहरण के लिए यदि किसी का जन्म दिनांक 2 है तो उसे परिवर्तित करने की जरूरत नहीं है। यदि 18 है तो उसे (1+8 = 9) में परिवर्तित करना पड़ेगा। मूलांक ज्ञात करने के बाद भाग्यांक ज्ञात करने के लिए (जन्मदिन + जन्ममास + जन्म वर्ष) इन तीनों को आपस में जोड़कर जो सिंगल नंबर आता है उसे भाग्यांक कहते हैं। यदि किसी व्यक्ति का मूलांक और भाग्यांक आपस में मित्र होते हैं तो जीवन में संघर्ष कम होते हैं और हर समस्या का समाधान हो जाता है। यदि किसी व्यक्ति का मूलांक और भाग्यांक आपस में शत्रु होते हैं तो जीवन में संघर्ष व उतार-चढ़ाव ज्यादा होते हैं। नामांक जानने की विद्या अंक विद्या का सबसे महत्वपूर्ण अंग है। अंग्रेजी वर्णमाला में A, B, C, D के क्रम में प्रत्येक अक्षर के कुछ मानद अंक निर्धारित किए गए हैं। नामांक से व्यक्ति का चरित्र सबसे जल्दी पकड़ में आता है।
अंगेजी वर्णमाला के मानक मापदण्ड
A = 1 | B = 2 | C = 3 | D = 4 | E = 5 | F = 8 | G = 3 | H = 5 | I = 1 | J = 1 | K = 2 | L = 3 | M = 4 |
N = 5 | O = 7 | P = 8 | Q = 1 | R = 2 | S = 3 | T = 4 | U = 6 | V = 6 | W = 6 | X = 5 | Y = 1 | Z = 7 |
नामांक से भाग्यांक बदला जा सकता है। Change Your Name & Change Your Luck. व्यक्ति के जीवन में उसके नाम का बड़ा महत्व है। नाम के नामांक प्राप्त होने से हमें यह पता चल जाता है कि अमुक व्यक्ति क्या है। कई बार ऐसा भी होता है कि व्यक्ति का नामांक उसके मूलांक और भाग्यांक से मेल नहीं खाता है। ऐसे में वह व्यक्ति जीवन भर संघर्ष करता रहता है लेकिन उसे कुछ नहीं मिलता। ठीक उसकी तरह जैसे फूटे हुए घड़े में कोई कितना ही पानी डालता रहे वह नहीं भरता है, यही हाल उस व्यक्ति का होता है जिसका नामांक उसके मूलांक और भाग्यांक के अनुकूल नहीं है। नामांक में शुभ परिवर्तन करने से व्यक्ति का भाग्य बदल जाता है।
मूलांक | 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 |
मित्र अंक | 2, 7, 9 | 1, 3, 7, 9 | 1, 7, 9, 2 | 5, 6, 8 | 7, 9, 2 | 2, 4, 5, 8 | 2, 1, 3, 9 | 6, 5 | 2, 1, 3, 7 |
शत्रु अंक | 8 | 5, 8 | 5, 6 | 8, 9 | 2, 9 | 1, 7, 9 | 4, 8, 5 | 3, 9 | 4, 8 |
यदि कोई अंक मित्र और शत्रु की सारणी में नहीं आता है तो वह सम स्थिति को बताता है। उससे व्यवहार अच्छा नहीं तो बुरा भी नहीं रहेगा।
अंक ज्योतिष में स्थितों का अपनापन
आपका जो भी मूलांक और भाग्यांक है उसका संबंध यदि आपके दोस्त, आपकी गर्लफ्रेंड, आपके बॉयफ्रेंड के मित्र अंक से ताल-मेल रखता है तो उससे आपकी दोस्ती वफादार स्थिति में लंबी चलेगी। यदि आपके मूलांक और भाग्यांक का संबंध शत्रु अंक से ताल-मेल रखता है तो उस दोस्त से भविष्य में आपको धोखा हो सकता है।
स्वयं की उन्नति में अंकों का महत्व
सर्वप्रथम आप आपके नामांक को मूलांक एवं भाग्यांक से मैच करें। यदि ये दोनों से मैच होता है तो अति उत्तम है अन्यथा मूलांक या भाग्यांक दोनों में से एक से नामांक का मैच होना अति आवश्यक है। सफल जीवन के लिए उपरोक्त सारणी का सहारा लेकर आप अपने भाग्यांक, मूलांक और नामांक की गणना कर सकते हैं।
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