नक्षत्रों के हिसाब से करें होलिका दहन
By Rekha Singh
होलिका-दहन का मुहूर्त
इस बार होली का त्यौहार लोगो के लिए असमंजस की स्थति लेकर आया हैं क्योंकि इस बार भद्रा के कारण होलिका दहन के मुहूर्त को लेकर अलग-अलग पंडितो और ज्योतिषचार्यो का मत भिन्न हैं. भारत में कहीं पर 23 मार्च को होली खेली जा रही हैं तो कहीं 24 मार्च को..
ज्योतिष के अनुसार भद्रा रहित पूर्णिमा के कारण होलिका दहन 22 मार्च की रात्रि 3. 20 मिनट से प्रातः 5.10 मिनट तक सम्भव है। 24 मार्च को सूर्योदय के बाद ही रंग खेला जा सकता है। जबकि उज्जैन, दिल्ली, चंडीगढ़ तथा हरियाणा,पंजाब आदि में यह होलिका दहन मुहूर्त सायं 6 बजकर 30 मिनट से रात्रि 8 बजकर 54 मिनट तक निकाला गया है।
धर्मसिंंधु, ब्रहमवैवर्तपुराण, वर्षकृत्य भविष्योत्तर पुराण तथा शास्त्र वचनों के अनुसार, बुधवार को पूर्णिमा-व्याप्त सायंकाल 04.55 से 05.31 तक ही रहेगा। अतः इस मध्य होलिका दहन हो जाए तो शुभ काल रहेगा। शेष विभिन्न स्थानों के आचार्यों व स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार जन साधारण कर्म कर रहा है।
क्या हैं भद्रा
हमारे पुराणो में लिखा गया है की भद्रा भद्रा भगवान सूर्य देव की पुत्री और शनिदेव की बहन है। जो अपने स्वभाव से बहुत ही उग्र हैं. इनकी उग्रता को नियंत्रित करने के लिए ब्रम्हा जी ने पंचाग में प्रमुख अंग करण में स्थान दिया। भद्राकाल में विवाह, मुंडन, गृहप्रवेश, यज्ञोपवित, रक्षाबंधन या कोई भी नया काम शुरू करना वर्जित माना गया है. लेकिन भद्राकाल में ऑपरेशन करना, मुकदमा करना, किसी वस्तु का कटना, यज्ञ करना, वाहन खरीदना स्त्री प्रसंग संबंधी कर्म शुभ माने गए हैं.
होलिका पूजन के समय निम्न मंत्र का उच्चारण करें।
अहकूटा भयत्रस्तैः कृता त्वं होलि बालिशैः
अतस्वां पूजयिष्यामि भूति-भूति प्रदायिनीम्घ्
इस मंत्र का उच्चारण एक माला, तीन माला या फिर पांच माला विषम संख्या के रुप में करना चाहिए।
होलिका दहन होने के बाद होलिका में जिन वस्तुओं की आहुति दी जाती है, उनमें नारियल, गन्ना, भुट्टे नई फसल का कुछ भाग है। सप्तधान्य गेहूं, उड़द, मूंग, चना, जौ, चावल और मसूर। होलिका दहन से पहले होली विधिवत पूजा पाठ करके हे उसको दहन करे जिससे आपको लाभ प्राप्त हो. होली की पूजा में गुलाल और रंगो का प्रयोग भी अवश्ये करे।
होली पर किये जाने वाले उपाय
कहते हैं होली पर तांत्रिक शक्तियों को जागृत करने के लिए हमारे यहाँ कई सारे उपाय किये जाते हैं. ऐसा माना जाता हैं की होली के रात्रि में इनको करने से ये जल्द ही जागृत हो जाते है. और अपना शुभ प्रभाव दिखलाते हैं. अगर आप कोई भी तांत्रिक उपाय करने वाले हैं तो इसके लिए आप ऐसे विद्वानो से सही तरीका प्राप्त करे जो आपको लाभ पहुचाये. आप कोई तांत्रिक उपाए नहीं करना चाहते तो यहाँ दिए जा रहे छोटे छोटे उपायो को अपना कर अपनी जिंदगी को खुशहाल बना सकते हैं.
– कलयुग के देवता हनुमान जी को इस होली पर प्रसन्न करने के लिए आपको होली की रात में हनुमान चालीसा का पाठ करे मंदिर में बैठ कर। मंदिर में किये जाने वाले उपायों का लाभ हमे शीघ्र मिलता है. आगे आप मंदिर नहीं जा सकते तो घर पर भी ये उपाए कर सकते हैं।
– बजरंगबली को खुश करने के लिए आप उन्हें सिंदूर का चमेली के तेल या घी से चोला चढ़ये होली की रात्रि में और उनका विधि विधान से पूजन करके आरती करे और उनको गुड कहने का भोग लग़यें.
– होली के रात में भगवन शिव को प्रसन्न करने के लिए आपको सिर्फ मंदिर में जाकर एक दीपक लगाना हैं जो आपको परेशानियों से मुक्ति दिलाएगा. रात के समय शिवलिंग के पास दीपक जलाने से शिव की कृपा प्राप्त होती है।
– माँ लक्ष्मी के कृपा पाने के लिए कमल के गट्टे की माला से यह मंत्र जप 108 बार या 1008 बार करें।
ऊँ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः।
– आप बहुत समय से बीमारी हैं, तो होली की रात को आप नीचे लिखे मंत्र का जाप तुलसी की माला से करें। इससे आपकी परेशानी दूर हो सकती है।
मंत्र- ऊं नमो भगवते रुद्राय मृतार्क मध्ये संस्थिताय मम शरीरं अमृतं कुरु कुरु स्वाहा
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