जाकिर नाईक के बारें मे सबकुछ, जो पढ़ना जरूरी है
By Satish Tripathi
पूरे में विश्व में कंही न कंही युवाओं के ब्रेनवॉश और कट्टरपंथी बयानो से लोगो को बहका कर कुछ करने पर मजबूर कर देने के बार में आपने जरूर सुना होगा। लेकिन अभी हाल में एक ऐसा शख्स का नाम सामने आया है। कि जिसके बारे में आप जाकर हैरान हो जायेगेँ। यह शख्श अपनी पीस टीवी के माध्यम से इस्लाम को सबसे अच्छा धर्म और अलग धर्मों के बारे में गलत बताकर लोगो को गलत सन्देश ही नही देता था। बल्कि गलत उदाहरण देकर लोगो के मन में हिंसा की आग भरता था। यह हम नहीं बल्कि अभी हाल ही में हुये ढ़ाका हमले में पकडे गये आतंकियों ने जाकिर नाइक के बारे में खुलासा किया। प्राप्त जानकारी के आधार पर वह कट्टरपंथी बयान और अन्य धर्मों के बारे में गलत सन्देश देकर लोगो को गलत सोचने पर मजबूर कर देता था।
कौन है जाकिर नाईक, किससे था प्रभावित
विकिपीडिया के अनुसार, डॉ जाकिर नाईक पेशे से एक डॉक्टर हैं. उसने एक समय तक चिकित्सा सेवा की. लेकिन अल्लाह को डॉ नाईक से कुछ और ही काम लेना मंजूर था. इसलिए 1991 में वह तबलीग के मैदान में आ गए और मुंबई में इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन नामक एक संस्था की स्थापना की. 2006 में जब डॉ नाईक से पूछा गया कि तबलीग की जानिब उनका हिर्दय प्रवृत्ति क्यों हुआ और किस व्यक्ति से प्रभावित होकर उन्होंने ऐसा किया, तो उन्होंने कहा कि वह दक्षिण अफ्रीका के प्रसिद्ध उपदेशक और तुलनात्मक धर्मों के प्रमुख मुनाज़िर अहमद दीदात से प्रभावित हैं और उन्हीं से प्रेरणा पाकर वे इस क्षेत्र में आए हैं।
जाकिर ने शुरू किया था पीस टीवी
अपने भाषणों की सीडी और वीडियो तैयार कराई. इसके अलावा समकालीन आवश्यकताओं के मद्देनजर अपने आमंत्रण संदेश को दुनिया भर में आम करने के लिए उन्होंने कई भाषाओं में टीवी चैनल शुरू किया जिसका नाम पीस टीवी रखा।
सोशल साइड्स पर करोड़ो लोग करते हैं फॉलो
जाकिर नाइक इस समय सऊदी अरब में हैं। गौरतलब है कि दुनिया भर में ऐसे करोड़ों लोग हैं जो जाकिर नाईक को विभिन्न कारणों से पसंद करते हैं. उनका भाषण सुनते और देखते हैं. फेसबुक पर उनके एक करोड़ चालीस लाख और ट्विटर पर एक करोड़ से अधिक फॉलोअर्स हैं. उर्दू, बंगला और अंग्रेजी भाषाओं में प्रसारित होने वाला उनका पीस टीवी चैनल दुनिया भर में दो करोड़ से भी अधिक लोग देखते हैं।
ढ़ाका में हुये आंतकी हमले के बाद से जाकिर का नाम आया सामने
विश्व प्रसिद्ध इस्लामी डॉ जाकिर नाईक हाल ही में हुए ढाका आतंकवादी हमलों को लेकर विवाद की चपेट में हैं। इस खबर के सार्वजनिक होने के बाद कि ढाका में एक संदिग्ध हमलावर डॉ नाईक से प्रभावित था, उन पर इन दिनों राष्ट्रीय मीडिया और सरकारी एजेंसियों की विशेष नजर है. ढाका हमले में एक भारतीय लड़की सहित 22 लोग मारे गए थे। भारत सरकार ने ज़ाकिर नाईक की गतिविधियों के साथ साथ उनकी संपत्ति की जांच भी शुरू कर दी है. जांच एजेंसियों ने ज़ाकिर नाईक के मुंबई स्थित इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन के धन को लेकर भी जांच तेज कर दी है.
बांग्लादेश में जाकिर नाईक के पीस टीवी पर बैन
बांग्लादेश सरकार ने एक जारी एडवाइजरी में कहा है कि कई निजी सैटेलाइट टीवी चैनलों जैसे कि ‘पीस टीवी’ पर इस तरह की सामग्री प्रसारित किए जाने की रिपोर्ट है. इसे मंत्रालय डाउनलिंक करने की इजाज़त नहीं देता. राज्यों की ज़िम्मेदारी है कि केबल ऑपरेटरों को ऐसे चैनल दिखाने से रोकें। ऐसा माना जा रहा है कि जाकिर नाइक के भाषण से प्रेरित होकर कुछ बांग्लादेशी आतंकवादियों ने एक जुलाई को ढाका के एक रेस्तरां में 22 लोगों को मार डाला जिसमें अधिकतर विदेशी नागरिक थे। और एक भारतीय भी थी।
जाकिर के कई देशो में लगा है बैन
जाकिर नाईक के विवादित भाषणों के चलते कनाडा, मलेशिया समेत कई देशों में उनके प्रवेश पर प्रतिबंध लगा हुआ है। उन्होंने एक बार बयान दिया था कि सारे मुसलमानों को आतंकवादी होना चाहिए, आतंकवादी मतलब जो भय फैलाए। उसके इस बयान के बाद कई देशों ने अपने यहां उसकी सभा करने से इंकार कर दिया था। लेकिन वो टीवी के माध्यम ले जहर उगलता रहता है।
दुनिया के कई हिस्सों मे जाकर देता है इस्ताम पर भाषण
जाकिर नाईक पूरी दुनिया में जाता है। उसकी बड़ी-बड़ी सभाएं आयोजित की जाती हैं। वह पिछले 20 सालों में 30 से ज्यादा देशों में 2000 से भी ज्यादा सभाएं कर चुके है। जाकिर की सभाओं में खासी भीड़ जुटती है. दुनिया भर में उनकी पहचान इस्लामिक धर्मगुरु की है. लेकिन, अपने कई बयानों की वजह से वो विवादों में रहे हैं. जाकिर ये दावा करते हैं कि उन्होंने सभी धर्मों के पवित्र ग्रंथों को पढ़ रखा है. अपनी सभाओं में वो लोगों को ये बताने से नहीं चूकते।
प्रेस कांफ्रेस कर दी सफाई
अपने विवादित बयानों से चर्चा में आए इस्लामिक धर्म प्रचारक जाकिर नाइक ने शुक्रवार को सऊदी अरब के मदीना से स्काइप के जरिये प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान जाकिर ने पीस टीवी और अपने भाषणों को लेकर सफाई दी. वहीं, फ्रांस के नीस शहर में हुए आतंकी हमले की निंदा भी की। हालांकि जब प्रेस कांफ्रेस के दौरान एक सवाल पूछने से जाकिर नाईक घबरा गया। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब एक पत्रकार ने जाकिर से पूछा कि वे देश के मुस्लिमों की स्थिति के बारे में कितना जानते हैं. देश के कितने मुस्लिम शिक्षित हैं या सरकारी नौकरी में हैं, तो जाकिर इसका जवाब नहीं दे सके। और वह भौचक्का रह गये।
तीन बार रद्द हो चुकी है कॉन्फ्रेंस
जाकिर नाईक इस प्रेस कांफ्रेस से पहले कई बार अपनी सफाई देने की कोशिश की। लेकिन उसकी प्रेस कांफ्रेस कई बार रद्द हो गई। लगभग तीन बार। जाकिर को 11 जुलाई को भारत लौटना था. वह अपने पर लगे आरोपों का जवाब देते।