केजरीवाल को एक और झटका, आप सरकार के संसदीय सचिवों की नियुक्ति रद्द
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दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम ही ले रही हैं। पहले संदीप सेक्स सीडी कांड तो अब एक और बड़ा झटका लग गया है। जी हां गुरूवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने 21 संसदीय सचिवों की नियुक्ति को रद्द कर दिया है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद तत्काल प्रभाव से नियुक्ति रद्द कर दी गई है। बता दें कि अरविंद केजरीवाल ने 21 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया था। हालांकि केजरीवाल सरकार के पास अभी भी सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प है।
इससे पहले चुनाव आयोग ने दिल्ली के मुख्य सचिव को एक चिट्ठी लिखकर मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल द्वारा नियुक्त किए गए 21 संसदीय सचिवों के बारे में 6 सवाल पूछे थे। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने पिछले साल मार्च में एक आदेश जारी करते हुए दिल्ली के 21 विधायकों को मंत्रियों की सहायता के लिये संसदीय सचिव के पद पर नियुक्त किया था। इसके बाद जून 2015 में केजरीवाल सरकार ने दिल्ली विधानसभा में इस बाबत कानून में संशोधन भी किया। वह संसदीय सचिव के पद को लाभ के पद से बाहर निकालने का प्रयास था। गौरतलब है कि कि राष्ट्रपति प्रणब मुख़र्जी ने जून में दिल्ली सरकार के उस बिल को मंजूरी नहीं दी थी जिसमें 21 सचिवों को पूर्वव्यापी प्रभाव से लाभ के पद की परिधि से बाहर रखे जाने की बात की गई थी। हालांकि इस साल जून में राष्ट्रपति ने इस बिल को खारिज कर दिया था।
इस बीच यह मामला चुनाव आयोग में पहुंच गया। आयोग ने नोटिस जारी कर इन विधायकों से पूछा था कि वे बताएं कि यह पद किस तरह से लाभ के पद के दायरे में नहीं आता। इस लिहाज से क्यों न उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी जाए। आप विधायकों ने अपने जवाब में कहा था कि उन्होंने किसी भी तरह से कोई दफ्तर, गाड़ी और वेतन भत्ता आदि सरकार से नहीं लिया है। इस कारण से यह पद लाभ के पद के दायरे में नहीं आता।
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