चेन्नई। जाने-माने संगीतकार एम.बालामुरलीकृष्ण का मंगलवार को चेन्नई में निधन हो गया। दक्षिण भारत के प्रभावशाली और फेमस गायक बालामुरलीकृष्ण 86 साल के थे, वो पिछले कुछ दिनों से बीमार थे। उनके फैमिली में उनकी पत्नी, चार बेटे और दो बेटियां हैं। उनका जन्म जुलाई 1930 में आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले में हुआ था। उनका पूरा नाम मंगलमपल्ली बालामुरली कृष्णा है।
नन्ही सी उम्र से शुरू कर दिया था गाना
आंध्र प्रदेश में जन्मे बालामुरलीकृष्ण ने 6 साल की उम्र से ही गाना शुरू कर दिया था। वह कर्नाटक वाद्य संगीत, वॉयला और वायलिन बजाने में बेजोड़ थे। 15 साल की उम्र में ही वह नियमित तौर पर कॉन्सर्ट में परफॉर्म करने लगे थे।
पद्म पुरस्कार से गया था नवाजा
देश के फेमस संगीतकार और कलाकारों से पिरोए गए 90 के दशक का गीत ‘मिले सुर मेरा तुम्हारा’ में बालामुरलीकृष्ण ने भी अपनी आवाज दी थी। संगीत के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा गया था। बालामुरलीकृष्ण को तीनों पद्म पुरस्कार- पद्म भूषण और पद्म श्री से भी सम्मानित किया गया था।
कई भाषाओं में दिया संगीत
वर्ष 2005 में फ्रांस की सरकार ने उन्हें शेवालियर ऑफ द आर्ड्रे डेस आर्ट्स एट डेस लेटर से भी सम्मानित किया था। कई फिल्मों में भी उन्होंने अपना संगीत दिया था। मातृभाषा तेलुगू होने के बावजूद भी उन्होंने कन्नड़, संस्कृत, तमिल, मलयालम, हिंदी, बंगाली और पंजाबी भाषाओं में भी संगीत के साथ तालमेल जमाया।
हस्तियों ने जताया शोक
उन्होंने हिंदूस्तानी संगीत की प्रसिद्ध हस्तियों पंडित भीमसेन जोशी, किशोरी अमोनकर, हरिप्रसाद चौरसिया, पंडित जसराज और जाकिर हुसैन के साथ ‘जुगलबंदी’ भी की। उन्हें पद्म विभूषण सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। कर्नाटक संगीत की शीर्ष हस्तियों ने उनके निधन पर शोक जताया है।