गुंडे और बदमाशो के लिए बंदूक वाली चाची का नाम ही काफी है | हम बात कर रहे है, उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में रहने वाली 42 साल की शहाना बेगम के बारे में जो, पुलिस या सुरक्षागार्ड्स की नौकरी नहीं करती लेकिन गुंडे और बदमाशो को कांपने के लिए उनका हाथ में बंदूक लेकर चलना ही काफी हैं।
दरअसल, वों मानती है कि, “महिलाओं की सुरक्षा” को लेकर देश में अभी भी सख्त कानून नहीं बन सके हैं और अगर कानून हैं भी तो उनका सही से पालन नहीं किया जा रहा है | वें बतातीं है कि, यह 2013 की बात है। जब शहाना के गांव में दो व्यक्तियों ने एक लड़की का रेप किया था। शहाना ने अपनी समझदारी के चलते उन दोनों को पकड़ कर पुलिस को सौंप दिया था | हालांकि बाद में उसमें से एक आरोपी से लड़की की शादी भी कराई गई थी।
इस घटना के बाद शहाना अकेले ही रोज रात को बंदूक लेकर निकल पड़ती हैं और पेट्रोलिंग करती हैं | वह पूरे गाँव को भयमुक्त करना चाहती है | जिसके लिए कोई भी व्यक्ति कोई गलत काम करता दिखता है तो वह उसे पकड़कर पुलिस को सौंप देती हैं। आपकों बता दे कि, जो काम पुलिस को करना चाहिए वह अकेले शहाना कर रही है | अब तो बदमाशों के अंदर शहाना का इतना खौफ भर गया कि, यहां वारदातों की संख्या भी कम हो गई।
साथ ही शहाना बतातीं है कि, 17 साल पहले ही उनके पति का देहांत हो गया था और बंदूक को ही अब मै अपना पति मानती हैं | शहना के दो बेटे और दो बेटी हैं। उन्होंने अकेले ही अपनी मेहनत से अपने परिवार को पाला है और साथ ही समाज को सुधारने का जिम्मा भी उठा चुकी हैं। आज जमीन के बंटवारे से लेकर पानी की समस्या तक हर कोई शाहना के पास मदद मांगने आता है।
शहाना कहती है, यह मेरा इलाका है | यहाँ कुछ गलत नही होने दूंगी और महिलाओं के खिलाफ होने वाले अत्याचारों का हमेशा पुरजोर विरोध करते रहूँगी |