बैकों ने कार्ड से पेमेंट पर चार्ज लेने का फ़ैसला 13 जनवरी तक टाला
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प्रधानमंत्री ने नोटबंदी के बाद से कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए क्रेडिट और डेबिट कार्ड से पेट्रोल-डीजल की खरीद पर आम जनता को बड़ी राहत देते हुए उनसे वसूला जाने वाला मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) को सरकार ने खत्म कर जनता को सहूलियत दिया था। लेकिन बैकों ने एमडीआर वापस लगाने का फैसला किया था। लेकिन इस बार जनता पर नहीं बल्कि पेट्रोल पंप संचालको पर लगाने का फैसला किया था। जिसके विरोध में ऑल इंडिया पेट्रोल पंप एसोसिएशन ने डेबिट और क्रेडिट कार्ड से पेमेंट ना लेने का फैसला किया था ।
दरअसल, बैंकों ने पीओएस (पॉइंट ऑफ सेल) से पेमेंट पर 1 प्रतिशत लेवी(ट्रांजेक्शन शुल्क) बढ़ाने की बात कही थी। बैंकों द्वारा अचानक लिए गए इस फैसले से ऑइल मिनिस्ट्री और पेट्रोल पंप संचालक हैरान थे। लेवी बढ़ने के बाद पेट्रोल पंप डीलर्स ने कहा था कि देशभर के तमाम पेट्रोल पंपों पर रविवार आधी रात के बाद क्रेडिट या डेबिट कार्ड के जरिए पेमेंट नहीं लिया जाएगा और पेमेंट सिर्फ कैश के रूप में होगा।
बैंकों के लेवी बढ़ाने के इस फैसले से पहले ही कैश की किल्लत से जूझ रहे उपभोक्ताओं की मुसीबत और बढ़ सकती थी। लेकिन सरकार और पेट्रोल पंप एसोसिएशन ने बैंकों से अपील की थी कि वे लेवी बढ़ाने के इस निर्णय को तुरंत वापस लें। लेकिन लेवी बढ़ाने के फैसले को वापस ना लेने पर पेट्रोल पंपो ने कार्ड से पेमेंट ना लेने का फैसला किया था। हालांकि उपभोक्ताओं पर इस निर्णय का कोई सीधा असर नहीं पड़ने वाला था क्योंकि बैंकों ने कस्टमर यूजिंग कार्ड्स पर किसी तरह की लेवी लगाने की बात नहीं कही थी।
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