बैंकों का आरोप, माल्या ने नहीं दी अपनी संपत्ति की जानकारी
विजय माल्या पर एसबीआई सहित देश की अन्य बैंकों ने आरोप लगाया है कि उन्होंने अपनी वास्तविक संपत्ति की जानकारी नहीं दी हैं। बता दें कि बैंकों ने ये बात सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में कहीं। बैंकों की ओर से पक्ष रखने के लिए कोर्ट में अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी पेश हुए। उन्होंने कहा कि माल्या ने नॉन डिस्कोलजर में ब्रिटिश फर्म से फरवरी में मिली 4 करोड़ डॉलर की रकम की जानकारी बैंकों को नहीं दी। वहीं दूसरी ओर कोर्ट में सीनियर वकील सी एस वैद्यमान ने माल्या का पक्ष रखा और कहा कि कोर्ट ने एसेट्स की जो जानकारी देने का आदेश दिया था, माल्या ने उसका पूरी तरह से पालन किया है। रोहतगी ने ये भी कहा कि माल्या को सुप्रीम कोर्ट की ओर से अदालत में पेश होने के लिए कहा गया था। लेकिन माल्या ने कोर्ट के नियमों का पालन नहीं करके कोर्ट की अवमानना की है, और इसीलिए अब उनका पक्ष नहीं सुना जाना चाहिए। रोहतगी के ऐसा कहने पर माल्या के वकील ने माल्या का बचाव करते हुए कहा कि माल्या ने कोर्ट की किसी भी प्रकार से अवमानना नहीं की।
बता दें कि रोहतगी ने 14 जुलाई को दावा किया था कि माल्या ने करीब 2,500 करोड़ के केश ट्रांजकेशन की जानकारी कोर्ट को नहीं दी है। इससे पहले कोर्ट ने भी सीलबंद लिफाफे में माल्या से उनकी संपत्ति की जानकारी मांगी थी। 25 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने माल्या को नोटिस जारी किया और माल्या से जवाब मांगा कि उन्होंने अपनी पूरी संपत्ति की जानकारी क्यों नहीं दी ? लेकिन माल्या कि ओर से कोई जवाब नहीं आया।
जब बैंकों ने माल्या के जवाब में दायर हलफनामें कहा कि वे माल्या के विदेशो में जमा संपत्ति से अपने कर्ज की वसूली कर सकते हैं तो इस पर माल्या ने कहा कि वे यहां 1988 से एनआरआई है। इसीलिए विदेश में उनके और उनके परिवार की संपत्ति की जानकारी मांगने का हक बैंकों को किसी भी प्रकार से नहीं है। बता दें कि इस मामले में अगली सुनवाई 27 सितंबर को होगी।