बैंकर्स ने बोला किसानों पर हमला, जानबूझकर नहीं चुकाते लोन
बीते कई दिनों से मध्यप्रदेश में किसानों के आंदोलन की आग भभक रही है। इस आग में कितने ही किसानों की बलि ले ली गई और ये आंदोलन और ज़्यादा हिंसक हो गया। सरकार इसे काबू में लाने का प्रयत्न कर रही है। शिवराज सरकार तो उपवास पर बैठ गई और मोदी सरकार शायद कुछ और कर रही है। इसी के बीच अब बैंकर्स ने किसानों पर हमला बोल दिया है।
किसानों की कर्जमाफी इस समय देश का सबसे गंभीर मुद्दा बना हुआ है। विपक्षी पार्टी के नेता भी कहते हैं कि देश का किसाना बैंकों के कर्ज तले दबा हुआ है। किसानों का कर्ज माफ कर देना चाहिए, उनका ब्याज माफ कर देना चाहिए। ऐसे कई मुद्दे इस समय देश में चल रहे हैं इसी को लेकर बैंकर्स ने कहा है कि ‘‘किसानों में कर्ज न चुकाने की प्रवत्ति बढ़ती जा रही है। वे कर्जमाफी की आस में लोन ही नहीं चुकाते हैं।’’
जानबूझकर नहीं चुकाते लोन
कई बैंकरों ने कहा है कि किसान सरकार द्वारा कर्ज माफी की उम्मीद में जानबूझकर बैंक द्वारा लिया गया लोन नहीं चुकाते। बैंकरों ने वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के साथ सोमवार (12 जून) को हुई बैठक में भी अपनी चिंता सामने रखी। कई बैंकरों ने टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार से कहा कि किसानों में कर्ज न चुकाने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। इसकी वजह से बैंकों पर वित्तीय दबाव बढ़ता जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार पूरे देश में किसानों पर करीब 10 लाख करोड़ रुपये कर्ज हैं।
बैंकरों ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में किसानों द्वारा लिया गया लोन 50 प्रतिशत बढ़ा है। एक बड़े के अधिकारी ने टीओआई से कहा कि किसान अपने बैंक खाते से पैसे निकाल रहे हैं ताकि उनके कर्ज का पैसा बैंक अपने आप न काट लें। दक्षिण भारत के एक सार्वजनिक क्षेत्र के एक बैंक ने टीओआई को बताया कि कुछ जगह लोन न चुकाने वाले बैंकों से कर्ज माफी की मांग कर रहे हैं। मुंबई स्थित एक बैंक के सीईओ ने अखबार से कहा कि अगर किसी को ये लगता हो कि कोई उसे एक लाख रुपये का चेक दे देगा तो वो कर्ज क्यों चुकाएगा?
कई राज्यो में माफ किए लोन
मध्य प्रदेश के मंदसौर में किसानों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन के दौरान पुलिस की गोलीबारी में छह लोग मारे गए। वहीं आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र राज्य सरकारों ने किसानों के कर्ज माफ किए हैं। आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू ने सत्ता में आने के बाद 40 हजार करोड़ का कर्ज माफ किया था। एसबीआई की चेयरमैन अरुंधति भट्टाचार्य ने भी हाल ही में आगाह किया था कि किसानों की मदद जरूरी है लेकिन बैंक लोन चुकाने के अनुशासन के कीमत पर नहीं।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने किसानों द्वारा कर्जमाफी की बढ़ रही मांगों पर सोमवार को कहा कि इसके लिए राज्यों को अपने संसाधनों से कोष का इंतजाम करना होगा। पिछले हफ्ते महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने किसानों के लिए तीस हजार करोड़ रुपए की कर्ज माफी का ऐलान किया। उन्होंने बताया कि राज्य में कृषि श्रण माफी ‘‘अब तक की सबसे बड़ी’’ माफी होगी।
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