B’day Special : हॉकी का धनराज
ग्राउंड्समैन के बेटे ने विश्वभर में भारत का नाम रोशन किया।
भारतीय हॉकी के दिग्गज खिलाड़ी और पूर्व कप्तान धनराज पिल्लै आज यानि 16 जुलाई को अपना 47वां बर्थडे मना रहे हैं। ये ऐसे भारतीय खिलाड़ी है जिनकी स्टिक की धाक ना केवल देश में बल्कि विदशों में भी पिचों पर भी रही। इस समय वे भारतीय हॉकी टीम के प्रबंधक हैं। आइए जानते है इनकी खास बातें……
पिता थे ग्राउंड्समैन
धनराज के पिता का नाम नागालिन्गम पिल्लै और माता का नाम अन्दालम्मा है। उनके पिता महाराष्ट्र के खड़की में ऑर्ड्नेन्स फैक्ट्री स्टाफ कॉलोनी (गन फैक्ट्री) में ग्राउंड्समैन थे। यहीं धनराज ने हॉकी की स्टिक थामी और विश्वभर में भारत का नाम रोशन किया।
करियर की शुरूआत
धनराज ने हॉकी का बच्चपन से ही काफी शौक था और उन्होंने कॉलोनी के मित्रों के साथ ओएफके मैदान की नरम और धूल-भरी सतह पर टूटी हुई लकड़ियों तथा हॉकी की फेंकी हुई गेंदों के साथ खेलते हुए सीखा और अपनी सफलता का सारा श्रेय अपनी माँ को दिया। जिन्होंने बेहद गरीब होने के बावजूद अपने पांचों बेटों को हॉकी खेलने के लिए प्रोत्साहित किया।
वर्ल्ड इलेवन में शामिल होने वाले एकमात्र खिलाड़ी
इसके अलावा धनराज पिल्लै बैंकॉक एशियन गेम्स में सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी थे। 1994 में सिडनी में हुए वर्ल्ड कप में वो एकमात्र ऐसे भारतीय थे जिसे वर्ल्ड इलेवन में शामिल किया गया था। धनराज को खेल रत्न और पद्मश्री से नमाजा जा चुका है।
अपने करियर में 339 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल
धनराज पिल्लै का करियर दिसंबर 1989 से अगस्त 2004 तक रहा और इस दौरान उन्होंने 339 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले।
वे एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं जिसने चार ओलंपिक खेलों 1992, 1996, 2000 और 2004 चार विश्व कप एचार चैंपियंस ट्राफी एचार एशियाई खेल में भाग लिया है। भारत ने उनकी कप्तानी के तहत एशियाई खेल 1998 और एशिया कप 2003 में जीत हासिल की।
विदेशी पिचों पर जलवा दिखाया
तमिल फैमिली से बिलॉन्ग करने वाले धनराज द इंडियन जिमखाना (लंदन), एचसी ल्योन (फ्रांस), बीएसएन एचसी एंड टेलीकोम मलेशिया एचसी (मलेशिया), अबाहनी लिमिटेड (ढाका) और एचटीसी स्टुटगार्ट किकर्स (जर्मनी) क्लब की ओर से खेलते हुए विदेशी पिचों पर जलवा दिखाया।
धनराज पिल्लै की उपलब्धियां
* वर्ष 1999-2000 में उन्हें भारत के सर्वोच्च खेल पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न से सम्मानित किया गया।
* वर्ष 2000 में उन्हें नागरिक सम्मान पद्म श्री प्रदान किया गया।
* 2002 एशियाई खेलों की विजेता हॉकी टीम के सफल कप्तान थे।
* कोलोन, जर्मनी में आयोजित 2002 चैंपियंस ट्रॉफी में उन्हें टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी पुरस्कार प्रदान किया गया।