हो जाएं सावधान, कहीं आप भी तो नहीं खा रहे प्लास्टिक के चावल
अगर आपको भी चावल बेहद पसंद है, तो इसे बनाने और खाने से पहले एक बार ध्यान जरूर दें कि जो चावल आप खा रहे हैं, कहीं वो प्लास्टिक का तो नहीं। जी हां, सुनने में आपको भले ही हैरानी हो, लेकिन ये सच है कि इन दिनों आम चावल में प्लास्टिक चावल को नेचुरल चावल में मिक्स करके बेचा जा रहा है। ये खबर इन दिनों सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बनी हुई है। चूंकि चावल एक फूड प्रोडक्ट है और भारत के हर घर में इसका सबसे ज्यादा उपयोग किया जाता है, लेकिन हैरान करने वाली बात तो ये है कि चीन से आ रहा ये प्लास्टिक चावल नेचुरल चावल से बिल्कुल अलग होता है। डॉक्टर्स का कहना है कि प्लास्टिक के चावल को खाने से जहां नॉजिया, वॉमिटिंग , पेट दर्द हो सकता है, वहीं इसे लंबे समय तक यूज करने से कैंसर का खतरा भी हो सकता है।
इसकी पहचान असंभव-
जानकारों का कहना है कि चीन से आ रहे इन प्लास्टिक के चावल और नेचुरल चावल की पहचान करना असंभव है। दोनों के रंग, आकार सभी कुछ एक जैसा ही दिखता है। देखने में ये नकली चावल बिल्कुल असली जैसा ही होता है। अगर इसे नेचुरल चावल के साथ मिलाकर बनाया जाए, तो असली-नकली का पता नहीं लगाया जा सकता। जबकि प्लास्टिक चावल की अलग से पहचान करना आसान है।
जानिए कैसे तैयार होता है ये प्लास्टिक का चावल-
आलू, शलगम और प्लास्टिक को मिलाकर इस तरह का चावल बनाया जाता है। फिर इसमें रेजिन मिलाई जाती है। रेजिन पेड़ से किलने वाला पेड़ का एक तरह का हाइड्रोकार्बन द्रव्य है, जिसका इस्तेमाल आमतौर पर प्लास्टिक और गुब्बारे के अलावा अन्य दूसरी चीजों को बनाने में किया जाता है। इन चीजों को मिलाकर चावल का आकार दिया जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार जब भी कोई फॉरन प्रोडक्ट बॉडी के अंदर जाता है तो बॉडी उसके साथ रिएक्ट करती है। प्लास्टिक से बने सामान में कलरिंग और कोटिंग एजेंट होता है। प्लास्टिक के जरिए जब केमिकल्स बॉडी में पहुंचते हैं तो रिएक शन होता है। इसकी वजह से इंटेस्टाइन ट्रैक डैमेज और अल्सर का खतरा हो सकता है। वहीं एशिन हॉस्पिटल के गेस्ट्रोलॉजिस्ट डॉ.रामचंद्रा कहते हैं कि बॉडी में जाकर प्लास्टिक गलती नहीं है और इंटेस्टाइन इसे एब्सॉर्व नहीं कर पाती। अगर कोई इंसान लंबे समय तक ये प्लास्टिक के चावल खाता है तो इसकी वजह से उसका इंडोक्राइन और हार्मोन सिस्टम तक खराब हो सकता है। यहां तक की लीवर और कैंसर होने तक का भी खतरा रहता है।
ऐसे करें प्लास्टिक के चावल की पहचान-
चावल की खुशबू से असली से नकली की पहचान की जा सकती है।
– प्लास्टिक के चावलों में कोई खुशबू नहीं होती है। मिलावट ज्यादा होगी तो बनने पर प्लास्टिक जैसी गंध आएगी।
– पकते समय सूंघकर इसे पहचाना जा सकता है।
– चावल को थोड़ा उबालकर फैलाकर रखने पर पता चल सकता है अंतर।
– पका हुआ असली चावल दबाने पर दब जाएगा, लेकिन नकली का प्लास्टिक का चावल नहीं दबेगा। प्लास्टिक चावल बनने के बाद कठोर ही रहता है।
– असली चावल जल्दी टूट जाता है, लेकिन नकली चावल नहीं टूटता।
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