सात साल की सजा दिला सकती है बेनामी संपत्ति
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बेनामी संपत्ति कानून को लेकर पिछले कई दिनों से सुनने में आ रहा है। हाल ही में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने बेनामी प्रॉपर्टी और बेनामी ट्रांजैक्शन करने वालों के खिलाफ अखबार में चेतावनी दी है। इस विज्ञापन में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कहा है कि बेनामी प्रॉपर्टी और बेनामी ट्रांजैक्शन करने वालों को सात साल तक जेल की सजा भी हो सकती है।
गौरतलब है कि 1 नवंबर 2016 से बेनामी प्रॉपर्टी ट्रांजैक्शंस एक्ट पूरे देश में लागू है। इसी को लेकर विज्ञापन में दिया गया है कि “ब्लैकमनी इंसानियत के खिलाफ अपराध है। देश के हर जागरुक नागरिक से अपील है कि वे ब्लैकमनी के खिलाफ सरकार की कोशिशों में मदद करें।“ डिटेल में यह भी बताया गया है कि बेनामी प्रॉपर्टी क्या है। और किस तरह के ट्रांजैक्शंस बेनामी ट्रांजैक्शन (प्रोहिबिशन) अमेंडमेंट एक्ट 2016 के दायरे में आते हैं।
ऐसे मिलेगी सजा
बेनामी प्रॉपर्टी वाले या दूसरों की प्रॉपर्टी का गलत तरीके से फायदा लेने वाले या प्रॉपर्टी में हेरफेर करने वाले इसमें शामिल है, उन्हें बेनामी ट्रांजैक्शन (प्रोहिबिशन) अमेंडमेंट एक्ट 2016 के तहत सात साल की कैद हो सकती है। इसके अलावा उस पर 25 प्रतिशत फाइन लगाया जाएगा।
इस कानून में एक और सेक्शन है। इसके मुताबिक, बेनामी प्रॉपर्टी एक्ट के तहत गलत जानकारी देना या जानकारी छुपाना, अफसरों को गुमराह करना भी कानूनन जुर्म होगा। इस सेक्शन में 5 साल की सजा और बेनामी प्रॉपर्टी की मार्केट वैल्यू का 10 प्रतिशत जुर्माना लगाया जाएगा। बेनामी प्रॉपर्टी सील की जा सकती है या सरकार अपने कब्जे में ले सकती है। दोषी के खिलाफ इनकम एक्ट 1961 के तहत भी कार्रवाई की जा सकती है।
पहले भी किया था आगाह
नोटबंदी के बाद ही आईटी डिपार्टमेंट ने एड के जरिए दूसरों के पुराने नोट अपने खातों में जमा करने वालों को चेताया था। इसमें कहा गया था कि बंद हुए 500 और 1000 रुपए के दूसरों के पुराने नोट अपने खातों में जमा नहीं करें। ऐसा करने पर आपको कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
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