अजीब मेला, जहां लड़की लेकर भाग जाते हैं लड़के
आपको गांव का मेला याद है। मेले का झूला, चुसकी, चाट पकौड़ी सब होता है। मेले का ये रूप आपकी यादों में जरूर होगा , लेकिन आज जिस मेले की हम बात कर रहे हैं वो बड़ा ही अजीबो-गरीब है। इस मेले की खासियत है यहां की परंपरा। हर साल यहां मेला लगता है। दूर-दूर से लोग इस मेले को देखने आते हैं। लेकिन यहां ऐक ऐसा रिवाज है , जिसके बारे में सुनकर सब चौंक जाते हैं। दरअसल इस मेले में रिवाज है कि यहां जवान लड़की और लड़का एक दूसरे को पसंद करते हैं, तो फिर अपना घर छोड़कर मेले से भाग जाते हैं। ये मेला मध्यप्रदेश के आदिवासी सुमदाय द्वारा लगाया जाता है। ये होली से पहले लगता है। इसे भगोरिया पर्व के नाम से जाना जाता है। मध्यप्रदेश के झाबुआ , धार, खरगौन , अलीराजपुर जैसे आदिवासी बाहुल्य जिलों में ये मेला लगता है।
पान खाकर प्यार का इजहार-
इन मेलों में लड़के मनपसंद हमसफर की तलाश करते हैं। लड़को को भी जो लड़की पसंद आती है तो उसे पहले पान खिलाते हैं। फिर उसे गुलाल लगाते हैं। अगर लड़की ने भी उसी अंदाज मे लड़के के गाल पर गुलाल लगा दिया , तो लड़का और लड़की मेले से भाग जाते हैं।
पति-पत्नी के रूप में मिलती है मान्यता-
इस मेले में लड़के अपनी पसंद की लड़कियों को लेकर भाग जाते हैं इसलिए इसे भगोरिया पर्व भी कहा जाता है। भागने वाले जोड़ो को पति-पत्नी के रूप मे मान्यता दे दी जाती है। होली से पहले शुरू होकर मेला होली के दिन खत्म हो जाता है। रवि फसलों की खेती पूरी होने पर इस पर्व को बड़े उल्लास से मनाया जाता है।
हाथों मे टैटू गुदवाती है लड़कियां-
इस मेले की एक और खासियत है कि कि इस मेले में आदिवासी लड़कियां हाथों मे टैटू गुदवाती हैं। मध्यप्रदेश में लगने वाला वाला ये मेला अब राजस्थान में भी लगने लगा है।
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