जानिए क्यों शहीद की बेटी ने ठुकरा दी सरकारी नौकरी
भोपाल सेन्ट्रल जेल के शहीद कॉन्सटेबल रमाशंकर यादव की बेटी सोनिया ने जेल विभाग में नौकरी करने की मध्यप्रदेश सरकार की पेशकश को ठुकरा दिया है। सूत्रों के माने तो परिवार उस वक्त दंग रह गया जब उन्हें जेल गार्ड की नौकरी की पेशकश दी गई। सोनिया के दोनों भाई सेना में हैं और वह उच्च शिक्षित भी हैं। वह अभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही थी। शुक्रवार को जेल अधिकारियों ने यादव के परिवार को एक पत्र भेजा जिसमें उन्हें अनुकंपा के आधार पर नौकरी की पेशकश की गई थी।
सोनिया ने क्यों किया ऐसा?
सोनिया का कहना है कि वह किसी भी महकमे में नौकरी कर लेगी, लेकिन जेल प्रहरी नहीं बनेगी।सोनिया ने ग्रेजुएशन के साथ-साथ बीएड की भी पढ़ाई की है। वह जेल गार्ड के लिए आवश्यक अर्हता से ज़्यादा योग्यता रखती है। एक अखबार को दिए इंटरव्यू के दौरान सोनिया के चचेरे भाई ने बताया कि ,”हम सोमवार को अधिकारियों से मिलेंगे और आवेदन पत्र सौंपेंगे। मेरी बहन को सरकारी नौकरी चाहिए लेकिन वह जेल गार्ड की नौकरी नहीं कर सकती।”
बता दें कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रमाशंकर को आखिरी विदाई दी थी और इसी दौरान उन्होंने रमाशंकर के परिवार को दस लाख रुपए की आर्थिक सहायता करने की घोषणा की थी। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने रमाशंकर की बेटी को सरकारी नौकरी दिलाने का भी आश्वासन दिया था। 9 दिसंबर को सोनिया की शादी होने वाली थी। वहीं दूसरी ओर ऑल इंडिया ऐंटी टेररिस्ट फ्रंट के अध्यक्ष मनिंदरजीत सिंह बिट्टा ने सोनिया की मदद करने की इच्छा जताई है। उन्होंने कहा, सोनिया सिविल सर्विस परीक्षा में बैठना चाहती है वह दिल्ली में तैयारी करने के लिए सोनिया की हर संभव मदद करेंगे।