भोपाल एनकाउंटर पर सबूत मांगने वालों को शिवराज का करारा जवाब
दिवाली की दरमियान रात मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल की सेंट्रल जेल से प्रतिबंधित संगठन ’स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया’ (सिमी) के 8 संदिग्ध आतंकी फरार हो गए थे। इसके कुछ देर बाद ही सोमवार की सुबह पुलिस ने एक एनकाउंटर में इन आठों को मार गिराया था। भोपाल में हुए इस एनकाउंटर पर सियासत तेज हो गई है। राजनीतिक दलों ने इस एनकाउंटर पर सवाल खड़े कर दिए। जिस पर मंगलवार को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने करारा जवाब दिया हैं।
उन्होंने कहा, ”इस मामले पर राजनीति न हो। मुझे नहीं पता कि राजनीति कैसी हो गई है। एनकाउंटर पर सवाल करने वालों को पता नहीं क्यों शहीदों का बलिदान दिखाई नहीं देता, शहीदों की शहादत दिखाई नहीं देती ।” सिंह ने आगे कहा ,”लानत है ऐसे राजनीति पर।” बता दें कि शिवराज रमाशंकर के परिवार का ढाढस देने के लिए उनके घर पहुंचे हैं। इतना ही नहीं उन्होंने रमाशंकर की अर्थी को कंधा भी दिया। शिवराज से पहले राज्य के गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह ने भी साफ़ किया था कि पुलिस के पास एनकाउंटर के अलावा कोई और रास्ता नहीं था। सिंह ने इस एनकाउंटर को मध्यप्रदेश की बड़ी कामयाबी बताया था। राज्य गृहमंत्री के अलावा केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी इस एनकाउंटर का समर्थन किया है।
ग़ौरतलब है कि इस पूरे मामले को कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने एक साजिश बताया है। इसके साथ उन्होंने इस मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग की है। दिग्विजय का कहना है कि आतंकियों को किसी योजना के तहत जेल से भगाया गया है। वहीं कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा, चूंकि अब सारे आतंकी मारे जा चुके हैं और हमें कोई जानकारी नहीं मिल सकती, इसीलिए इस बात की जुडिशल जांच होनी चाहिए कि वे कैसे भागे? कांग्रेस के अलावा आप नेता अलका लांबा और AIMIM अध्यक्ष और हैदराबाद के सांसद असुद्दीन ओवैसी ने भी पुलिस इस एनकांउटर पर सवाल खड़े किए हैं। ओवैसी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को इस मसले पर जांच करना चाहिए। ओवैसी का सवाल है कि जेल से फरार कैदी अच्छी तरह से कपड़े कैसे पहन सकते हैं? उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि उनके पास तो हथियार भी नहीं थे।
दिसंबर में होने वाली थी हेडकॉस्टेबल की बेटी की शादी
भोपाल में सिमी के आतंकियों ने भागते वक्त कांस्टेबल रमाशंकर यादव की हत्या कर दी थी। बता दें कि रमाशंकर की बेटी की सोनिया की शादी अगले महीने दिसंबर में होने वाली थी। रमाशंकर की बेटी ने कहा, ‘आतंकियों ने ना सिर्फ़ देश का सच्चा सिपाही हमसे छीना बल्कि मेरे पापा को भी मुझसे दूर कर दिया। अब कौन मेरी डोली उठाएगा। कौन मेरा कन्यादान करेगा? कौन मुझे दुल्हन बने देखकर खुश होगा?पापा आपका सपना अधूरा रह गया? रमाशंकर की मौत के बाद से उनका पूरा सदमे में है। रमाशंकर के परिवार की मांग है कि उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाए।