सरकार ने आयकर कानून में बदलाव करने के लिए एक बिल संसद में पेश कर दिया है। नए बिल के जरिए सरकार अघोषित नकदी पर ज्यादा जुर्माना और टैक्स लगाएगी। इसके तहत कालाधन रखने वालों को 50 प्रतिशत कर और जुर्माना देकर साफ होने का एक मौका और मिलेगा।
प्रावधान के तहत अगर कोई व्यक्ति अघोषित आय बैंक में जमा करने के बाद खुद उसकी जानकारी देता है तो टैक्स और जुर्माना मिलाकर उसे 50 फीसदी रकम देनी पड़ेगी। इसके अंतर्गत ये नियम हैं-
– 25 फीसदी रकम उसे तुरंत वापस मिल जाएगी।
– बाकी 25 फीसदी रकम 4 साल बाद मिलेगी, जिस पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा।
इसका मतलब यदि आपके पास 1 करोड़ रुपए की अघोषित आय है तो उसमें से 50 लाख रुपए सरकार के पास चले जाएंगे।
अगर किसी ने बैंक में रकम जमा करने के बाद खुद इस बात की जानकारी नहीं दी तो पकड़े जाने पर 60 फीसदी टैक्स और 15 फीसदी सरचार्ज मिलाकर 75 फीसदी रकम सरकार को देनी होगी। इसके अलावा आयकर अधिकारी चाहे तो 10 प्रतिशत जुर्माना भी लगा सकता है जिसे मिलाकर कुल टैक्स 85 फीसदी हो जाएगा। इसका मतलब 1 करोड़ की अघोषित आय में से सिर्फ 15 लाख रुपए ही वापस मिलेंगे।
इसके अलावा अगर आयकर विभाग का छापा पड़ने के दौरान किसी के पास अघोषित आय मिलती है तो उसे 90 फीसदी टैक्स और जुर्माना देना होगा। इसका मतलब 1 करोड़ रुपए की अघोषित आय में से सिर्फ 10 लाख रुपए ही वापस मिलेंगे।
प्रस्तावित कानून की खास बात ये है कि यदि आपने कानून से बचने के लिए 2.5 लाख रुपए की रकम या उससे ज्यादा को कई भाग में बांटकर परिवार के अन्य सदस्यों के खाते में जमा कराया है तो आप कानून की पहुंच से बाहर नहीं हैं।
प्रस्तावित संशोधित आयकर कानून में यह भी प्रावधान है कि घोषणा करने वालों को अपनी कुल जमा राशि का 25 प्रतिशत प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में लगाना होगा जहां कोई ब्याज नहीं मिलेगा। साथ ही इस राशि को 4 साल तक निकाला नहीं जा सकेगा।
नया विधेयक एक मनी बिल है। नियम कहता है कि लोकसभा में बिल पारित करके राज्यसभा भेजा जाता है। राज्यसभा इसकी समीक्षा कर सकता है लेकिन खारिज नहीं कर सकता है। लोकसभा में सरकार का बहुमत है इस वजह से उसे कोई परेशानी नहीं होने वाली है।