बिल इंग्लिश बने न्यूजीलैंड के नए प्रधानमंत्री
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पिछले हफ़्ते जॉन की के अचानक इस्तीफा देने के बाद सत्तारुढ नेशनल पार्टी ने बिल इंग्लिश को न्यूजीलैंड के नए प्रधानमंत्री के रूप में चुन लिया है। पीएम बनने के बाद इंग्लिश ने कहा कि, ”यह आर्थिक विकास का समर्थन करने वाली सरकार होगी और इस बात को सुनिश्चित किया जाएगा कि विकास के लाभों को व्यापक स्तर पर साझा किया जाए।”
इंग्लिश के अलावा नेशनल पार्टी अध्यक्ष पीटर गुडफेलो ने कहा, ”बिल एवं पाउला बेहतरीन नेता हैं जो अनुभव एवं नई सोच का अच्छा मिश्रण हैं।” उन्होंने कहा, ”उनके नेतृत्व में न्यूजीलैंडवासियों को, जैसा कि वे उम्मीद करते हैं, स्थायी सरकार से लाभ मिलते रहेंगे और यह सरकार परिवारों एवं व्यापारियों के लिए अच्छे परिणाम देने पर समर्पण भाव से ध्यान देती रहेगी।”
अनुभवी नेता हैं इंग्लिश
-बता दें कि प्रधानमत्री बनने से पहले बिल इंग्लिश वित्त मंत्री का कार्यभार संभाल रहे थे। इंग्लिश न्यूजीलैंड के बजट को वापस बचत की स्थिति में लेकर आए थे। वैसे, पेशे से किसान रहे इंग्लिश के पास वाणिज्य एवं साहित्य (कॉमर्स एंड लिटरेचर) में डिग्रियां हैं। वह साल 1990 के बाद से संसद में हैं और साल 2002 में नेशनल पार्टी के नेता थे। हालांकि उस समय पार्टी को चुनाव में करारी हार मिली थी।
-जॉन की तुलना में इंग्लिश सामाजिक रूप से अधिक रूढ़िवादी हैं। साल 2013 में उन्होंने समान लिंग में विवाह को वैध बनाने का विरोध किया था। इसके अलावा इंग्लिश गर्भपात और इच्छामृत्यु के ख़िलाफ़ अपने विचार रख चुके हैं। इंग्लिश के छह बच्चे हैं।
-ग़ौरतलब है कि पिछले सोमवार जॉन की सुबह अचानक इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया था। इस्तीफा देने के पीछे जॉन ने सबसे बड़ा कारण अपने परिवार को बताया था। उन्होंने कहा था , ”एक दशक से भी ज्यादा समय से मेरी पत्नी लंबी और अकेली रातें गुजार रही है। मेरे लिए वापस घर लौटने का यह सबसे सही समय है।” इतना ही नहीं की ने यह भी कहा था कि, उनके बच्चों को प्रधानमंत्री की संतान होने के कारण निजता नहीं मिल सकी।
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