13 साल की उम्र में एवरेस्ट चढ़ी थी ये बच्ची, अब बन रही है फ़िल्म
तस्वीर में जिस बच्ची को आप देख रहे हैं उसका नाम मालावथ पूर्णा है। दिखने में भले ही पूर्णा साधारण सी लग रही है लेकिन उसने जो काम किया है वह असाधारण है। दरअसल महज़ 13 साल की उम्र में पूर्णा ने एवरेस्ट की चढ़ाई की। ऐसा करने वाली वह देश की पहली और दुनिया की दूसरी लड़की बन गई है। पूर्णा से पहले जॉर्डन रोमेरो ने यह कारनामा किया था। हालांकि एवरेस्ट चढ़ने के मामले में पूर्णा और जॉर्डन की उम्र में ज़्यादा अंतर नहीं है। जॉर्डन ने जब माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई की थी उस वक्त उनकी उम्र 13 साल 10 महीने थी। जबकि पूर्णा ने यह कारनामा 13 साल और 11 महीने की उम्र में किया था।
बहरहाल, पूर्णा ने यह साबित कर दिया है कि लड़कियां कुछ भी कर सकती है। पूर्णा के इसी हौसले से प्रेरित होकर अब उस पर एक फ़िल्म भी बनाई जा रही है।
क्या है फ़िल्म का नाम?
पूर्णा की बायोपिक फ़िल्म का नाम ‘पूर्णा : लड़कियां कुछ भी कर सकती हैं’ है। इस फ़िल्म का डायरेक्शन राहुल बोस ने किया है। फ़िल्म में पूर्णा के संघर्ष और उनके सफलता की दास्तां को दिखाया जाएगा। हाल ही में इस फ़िल्म का ट्रेलर रिलीज़ हुआ था। फ़िल्म में राहुल पूर्णा के मेंटर के रोल में नज़र आए हैं। जो गांव में रहनेवाली 13 साल की लड़की के हुनर और जस्बे को देखते हुए समिट में जाने का फ़ैसला लेते है और जिसका जबरदस्त विरोध भी होता है। ट्रेलर के कई सीन दिल को छू लेते हैं।
वैसे बॉलीवुड में इन दिनों बायोपिक फिल्मों का चलन जोरों पर है। ख़ास बात तो यह है कि दर्शक भी इसे जमकर सराह रहे हैं। अब ऐसे में यह दिलचस्प होगा कि पूर्णा की कहानी बॉक्स ऑफिस पर क्या छाप छोड़ती है। फ़िल्म 31 मार्च को रिलीज़ होने जा रही है।
खेतों में काम करते हैं पूर्णा के माता-पिता
पूर्णा तेलंगाना के छोटे से गांव पकाला की रहने वाली हैं। उसके माता लक्ष्मी और पिता देवीदास खेतों में काम कर अपना गुजारा करते हैं। आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि पूर्णा जिस समाज और जिस क्षेत्र से आती हैं, वहां की 13 फीसदी से ज़्यादा बच्चियों का वजन सामान्य से बेहद कम है और लिटरेसी रेट महज़ 50 फीसदी है। ऐसे में पूर्णा ने न केवल अपने लिए रास्ता बनाया, बल्कि अपने जैसी तमाम लड़कियों को सफलता की नई राह भी दिखाई है।
यहां देखें फ़िल्म पूर्णा का ट्रेलर
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