चार शादी कर चुके हैं कबीर बेदी, पहली पत्नी ने न्यूड होकर लगाई थी दौड़
प्रतिमा का जन्म 12 अक्टूबर 1948 में दिल्ली में हुआ था। शुरू में प्रतिमा का परिवार दिल्ली में ही रहा करता था लेकिन बाद में वे गोआ चले गए। प्रतिमा का परिवार काफी खुले विचारों का था। यहीं कारण था जिससे प्रतिमा मॉडलिंग में आई। प्रतिमा अपने आप को एक सक्सेसफुल मॉडल के रूप में स्थापित भी कर चुकी थी। लेकिन किसी मैग्जीन की लॉन्चिंग के लिए न्यूड होकर सामने आने वाली घटना ने उनका जीवन बदल दिया।
इस घटना के बाद 1975 में उन्होंने फिर से अपने जीवन को बदलने का सोचा और ओडिशी नृत्य की तरफ रूख किया। ओडिशी नृत्य सीखने के लिए उन्होंने भूलाभाई मेमोरियल इंस्टिट्यूट को चुना। यहां वे गुरू केलूचरण महोपात्रा की शिष्या बनी। ओडिशी नृत्य सीखने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की। दिन के 12 से 14 घंटों तक वे डांस की प्रैक्टिस करती थी। यहां पर प्रतिमा ने अपने आप को पूरी तरह से बदल लिया था। मॉर्डन लुक वाली प्रतिमा यहां पर गौरी अम्मा बन गई थी। प्रतिमा ने पूरी मेहनत कर ओडिशी नृत्य को सीखा। जब वे पूरी तरह सीख गई तब उन्होंने मद्रास के गुरू कलानिधी नारायण में अभिनय किया। इसके बाद उन्होंने देश की अलग-अलग जगह पर नृत्य प्रस्तुत किया। इसी समय प्रतिमा ने मुंबई के पृथ्वी थिएटर में खुद का डांस स्कूल खोला जो बाद में ओडिशी नृत्य का संस्थान बन गया।
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