14 की उम्र में हुआ था 55 साल की औरत से प्यार, ऐसी थी ओमपुरी की लाइफ
- - Advertisement - -
कुछ ही दिन पहले उरी हमले में शहीदों को लेकर विवादित बयान देकर ओमपुरी सुर्खियों में आ गए थे। शुक्रवार को हार्ट अटैक के चलते उनका निधन हो गया। पूरा बॉलीवुड उनकी मौत की ख़बर सुनकर शॉक में है। जानकारी के मुताबिक ओमपुरी काफी तनाव में रहते थे और उनकी ज़िन्दगी में बहुत कुछ ऐसा भी हुआ है जो इस तनाव की वजह है। उनकी बायोग्राफी के समय उनकी ज़िन्दगी के कई राज खुले थे जो हम आपको बताने जा रहे हैं।
हमेशा विवादों में बने रहने वाले ओमपुरी एक बेहतरीन एक्टर भी है। उनकी एक्टिंग की धार इतनी तेज़ है कि अच्छे-अच्छे एक्टर्स की एक्टिंग उनके आगे फेल हैं उन्होंने कई इंडियन, पाकिस्तानी, ब्रिटीश और हॉलीवुड कमर्शियल फिल्मों में काम किया हैं वे बेहतरीन एक्टर्स की श्रेणी में गिने जाते है। ओमपुरी का जन्म 18 अक्टूबर 1950 को अंबाला, हरियाणा की एक पंजाबी फैमेली में हुआ था। उनके पिता रेल्वे में जॉब करते थे। ओमपुरी ने पुणे के फिल्म एंड टेलीविज़न इंस्ट्टियूट ऑफ इंडिया से ग्रेजुएशन किया है।
ओमपुरी ने फिल्मों में डेब्यू 1976 में मराठी फिल्म ‘घासीराम कोतवाल’ से किया। इस फिल्म को एफटीआईआई के ही 16 ग्रेजुएट ने मिलकर बनाया था। जिसमें अमरीश पुरी, नसीरूद्दीन शाह, शबाना आज़मी और स्मिता पाटिल शामिल थे। ओमपुरी को फिल्मों में पहचान मिली 1980 में आई फिल्म ‘आक्रोश’ से जिसे आलोचकों ने खूब सराहा। उनकी कई उम्दा फिल्में है जो उनके बेहतरीन अभिनय को दर्शाती हैं वे एक बेहतरीन एक्टर है ये कहने की ज़रूरत तो नहीं हैं।
पिछले कुछ सालों में भी ओमपुरी कई हिट फिल्मों में नज़र आए है। उन्होंने साल 2015 में फिल्म ‘बजरंगी भाईजान’ में मौलाना साहब का रोल किया था। ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त हिट हुई थी। इसके बाद वे चर्चा में आए अपनी फिल्म ‘द डर्टी पालिटिक्स’ को लेकर क्योंकि इस फिल्म को लेकर काफी विवाद हुआ था। इसके बाद वे सन्नी देओल स्टारर ‘घायल वन्स अगैन’ में भी नज़र आए थे।
ओमपुरी को फिल्म जगत में कई अवार्ड से नवाज़ा गया हैं। देश के चौथे सर्वोच्च पुरस्कार पद्मश्री से भी 1990 में ओमपुरी को सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उन्हें दो बार बेस्ट एक्टर का नेशनल फिल्म अवार्ड भी मिल चुका हैं। अपने कैरियर की शुरूआत में उन्हें फिल्म ‘आक्रोश’ के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर कैटेगरी में फिल्म फेयर अवार्ड से नवाज़ा गया था।
ओमपुरी अपनी पर्सनल लाइफ में भी काफी सुर्खियों में रहे है। उनकी शादी 1993 में नंदिता पुरी से हुई थी। इन दोनों का बेटा है ईशान पुरी। इन दोनों ने शादी के 26 साल बाद अब तलाक लेने का फैसला लिया है। ख़बरों के मुताबिक इस तलाक के पीछे की वजह ओमपुरी की आत्मकथा को बताया जा रहा है जिसे उनकी बीवी नंदिता ने लिखा था। इस आत्मकथा के आने के बाद ओमपुरी अपनी बीवी पर काफी नाराज़ भी हुए ख़बरें तो यहां तक आई कि उन्होंने अपनी पत्नी पर घरेलू हिंसा की थी। इस किताब के सामने आने के बाद ओमपुरी के कई राज उजागर हुए जिन्हें ओमपुरी कभी अपनी जुबान से नहीं बता सकते थे।
ओमपुरी की पत्नी नंदिता पुरी ने अपने पति की ज़िन्दगी को शक्ल दी एक किताब की जिसका नाम है ‘Unlikely Hero: Om Puri’ इस किताब में ओमपुरी के बचपन से लेकर अभी तक की कहानी है और कई हैरान कर देने वाले राज़ है। जिनके कारण ओमपुरी गुस्सा हुए थे। इस किताब में ओमपुरी के पहले प्यार के बारें में भी बताया गया है।
इस किताब के मुताबिक ओम ऐसे माहौल में पले बढे जहां महिलाओं से उनका सामना नहीं हुआ। वे ऐसे माहौल में थे जहां उनकी माँ के सिवा कोई दूसरी महिला नहीं थी। वे जब अपने मामाजी के घर गए तब वहां उनकी उम्र की कोई लड़की नहीं थी वहां वे अपनी मामी और एक नौकरानी को जानते थे इसलिए जाहिर था कि ओम खुद से बड़ी उम्र की महिलाओं की तरफ आकर्षित होते। उस समय ओमपुरी चौदह साल के थे और पहली बार उन्होंने किसी महिला को छुआ था। उस 55 साल की नौकरानी से ओमपुरी प्यार करने लगे थे।
ओमपुरी की पत्नी ने उनके इस राज़ को आगे बताते हुए लिखा है कि पहली बार जब नौकरानी ने ओमपुरी को छुआ तो उसके जेहन में हलचल मची होगी? क्योंकि उस दिन से पहले किसी और महिला ने ओमपुर को इस तरह नहीं छुआ था। इसके बाद से ही ओमपुरी के जेहन में उस 55 साल की नौकरानी के लिए प्यार उमड़ने लगा। वे अपने से ज्यादा उम्र की औरतों की तरफ आकर्षित होने लगे थे। इस किताब में ये भी लिखा है कि उन्होंने अपनी छोटी मामी को छेड़ने की भी कोशिश की थी। जिसके बाद ओम को बेघर कर दिया गया था।
Courtesy-IBN7
ओमपुरी के इन्हीं राज़ों को उजागर करने के बाद ओमपुरी अपनी पत्नी पर भड़क गए थे और तलाक देने के लिए मुकदमा दायर किया। कुछ दिनों पहले ही उन्होंने देश के दो बड़े राजनीतिक दल बीजेपी और कांग्रेस पर हमला बोल दिया था। उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा था कि ‘‘पीएम मोदी की गोदी में बैठने के अलावा उनके पास अब और कोई च्वाइस नहीं है क्योंकि बांकी सभी गोदियां वे देख चुके हैं।’’
ओमपुरी का देश के सैनिकों के प्रति ऐसा व्यवहार उनकी सोच को तो दर्शाता है लेकिन वे ही जानें कि उन्होंने ऐसा बयान देकर क्या साबित करना चाहा।
- - Advertisement - -