यूज़र्स की ब्राउजिंग हिस्ट्री भी बेच सकेंगी कम्पनियाँ
मंगलवार को अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन में अमेरिका के हॉउस ऑफ़ रेप्रेसेंटेटिव्स (प्रतिनिधि सभा), जिसमें रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत है, ने ब्रॉडबैंड प्रायवेसी नियमों को रद्द करने के समर्थन में वोटिंग की. इस कानून को फ़ेडरल कम्युनिकेशन्स कमीशन (FCC) ने अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रम्प का चुनाव होने से पहले मंजूरी दे दी थी.
रिपब्ल्किन पार्टी द्वारा इन नियमों को रद्द करने के लिए मतदान करने के बाद अब FCC का वह नियम खत्म हो जाएगा, जिसमें इंटरेनट सेवा प्रदाताओं को ब्राउजिंग हिस्ट्री जैसे संवेदनशील कंज्यूमर डेटा को बेचने से पहले सम्बंधित ग्राहक की अनुमति लेना पड़ती थी. विधेयक के पास होने से ठीक पहले डेमोक्रेटिक नेता नैंसी पेलोसी ने कहा था कि इस कदम के बाद कंपनियां अधिकतम अमेरिकी लोगों के निजी संवेदनशील सूचना को बिना उनकी अनुमति के बेचने में सक्षम हो जाएगी.
इंटरनेट निजता क्या है?
बैनर विज्ञापनों, वेबसाइट विश्लेषकों और सोशल मीडिया के वेबसाइट ट्रेकर ऐसी आँखों की तरह हैं जो पूरे इंटरनेट पर यूजर्स का पीछा करती रहती हैं, और कई कम्पनियाँ भी बतौर एक प्रोफेशनल चोर की तरह इन्टरनेट यूजर्स की व्यक्तिगत बातों की चोरी करने हेतु अलर्ट रहती है, तथा यूजर्स के बारे में या खास तौर से सर्फिंग रूचि के माध्यम से उनकी व्यक्तिगत रूचि के बारे में जानने को ललायित रहती है.
ब्राउज़िंग हिस्ट्री बेचे जाने से प्राइवेसी ख़त्म
यूजर्स के ब्राउज़िंग हिस्ट्री से कम्पनियाँ अपने या अपनी क्लाइंट कंपनियों के विभिन्न विज़ुअल या नॉन-विज़ुअल प्रोडक्ट्स के लिए एक वृहद् सर्वे कर सकती है, फिर भले ही इसमें यूजर की प्राइवेसी ख़त्म क्यों ना हो ? इस कानून के अमल में आ जाने के बाद अमेरिका के इन्टरनेट यूजर्स की ब्राउज़िंग हिस्ट्री इन्टरनेट सेवा प्रदत कंपनियां किसी अन्य को आवश्यकता पड़ने पर बेचने हेतु स्वतंत्र हो जाएगी.
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