रिटायरमेंट की उम्र में शुरू किया फूड़ बिजनेस, और बने दुसरे सबसे बड़े अमीर
आज अलग-अलग जगह पर स्पेशल चिकन के लिए आउटलेट खुल रहें है, जहां पर अलग-अलग प्रकार से बनाकर सर्व किया जाता है, और युवा भी बडे चाव से उसे खाते है. पर फिर भी चिकन का नाम लेते ही हमारी स्मृति पटल पर सबसे पहले केएफसी का नाम आता हैं. और याद आए भी क्यों नहीं वह तो खासकर चिकन के लिए ही जाना जाता है. पर क्या आप जानते हो 1890 में जन्में केएफसी के फाउंडर ने कब अपना बिजनेस स्टार्ट किया था, और क्या है उसके पीछे की कहानी-
कर्नल हारलेंड सैंडर्स, केएफसी (KFC-Kentucky Fried Chicken) के फाउंडर का नाम बहुत ही कम लोग जानते होंगे, जिनका जन्म 9 सितंबर 1890 को यूएस में हुआ था, जब वे 5 वर्ष के थे, तब उनके पिता की मृत्यु हो गई थी. तब उनकी माँ ने नौकरी करना शुरू कर दिया तो खाना सांडर्स को ही बनाना पड़ता था. सातवीं कक्षा में उन्हें अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी. उनकी माँ ने दूसरी शादी कर ली तो सैंडर्स घर से भाग गए. इसके बाद से उन्हें बहुत संघर्ष करना पड़ा.
सैंडर्स ने अपने जीवन में हर तरह का काम किया जैसे – स्टीम बोट में, इंश्योरेंस सेल्समेन, तो कभी रेलरोड़ में फायरमेन का काम किया.
40 वर्ष की उम्र में सैंडर्स एक सर्विस स्टेशन पर काम करते थे. वहाँ वह उस स्टेशन पर रूकने वालें लोगों के लिए चिकन पकाते थे, सैंडर्स को चिकन बनाना बहुत पसंद था, लेकिन 1950 की शुरूआत में सैंडर्स के चलते बिजनेस को वहां पर बनने वाले हाईवे के कारण बहुत नुकसान उठाना पड़ा.
65 वर्ष की उम्र में जब रिटायर्ड हुए तो सरकार द्वारा दिया हुआ चेक बहुत कम था, जिससे उनका कुछ नहीं होना था लेकिन उन्हें अपनी चिकन रेसिपी पर पूरा भरोसा था, उन्होंने चिकन पकाने का एक नया तरीका ‘प्रेशर फ्रायर’ ईजाद किया, प्रेशर फ्रायर से चिकन जल्दी पकता था, लेकिन उसका स्वाद लोंगो को पसंद नहीं आया, फिर उन्होंने चिकन के साथ कई तरह के प्रयोग किए, और अलग-अलग रेस्टोरेंट से मिलना शुरू किया, पर एक-एक कर सभी रेस्टोरेंट मालिक ने उन्हें नकार दिया. लगभग 1009 लोगों द्वारा रिजेक्ट करने के बाद भी अपनी रेसिपी पेश करते रहे, और 1009 रिजेक्ट सुनने के बाद उन्हें एक हाँ मिली उसके बाद उनका फ्राइड चिकन एक होटल मालिक को पसंद आया और यह उन्होंने अपने मेन्यू में शामिल कर लिया.
1952 में सैंडर्स ने केएफसी के नाम से एक फ्रेंचाईजी शुरू की, और देखते ही देखते केएफसी एक ब्रांड बन गया और दुनियाभर में उसके रेस्टोरेंट खुलने लगे.
1964 में उन्होंने केएफसी कॉरपोरेशन का हिस्सा 2 मिलियन डॉलर में बेच दिया था.
केएफसी की प्रसिद्धि ने उन्हें उस मुकाम पर पंहुचा दिया कि 1976 में दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची में दूसरे स्थान पर रहे थे. आज केएफसी के 120 देशों में 19,952 (2015) आउटलेटस हैं.
16दिसंबर 1980 को 90 वर्ष की उम्र में उनकी मृत्यु हो गई, आज केएफसी के हर उत्पाद के पोस्टर, बैनर पर उनकी फोटो देख सकते हैं.
तो यह है केएफसी की कहानी जिसका स्वाद हम आज भी ले रहे है.
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