आमतौर पर हम सभी ने लोगों द्वारा बातचीत के दौरान बुलेट शब्द का जिक्र करते हुए सुना होगा। बुलेट शब्द का जिक्र आते ही हमारे दिमाग में केवल एक चीज नहीं बल्कि दों-दों चीजें सामने आती हैं। एक तो बुलेट बाइक और दूसरा गोली यानि कारतूस आता है।
अब दो चीजों के लिए एक ही शब्द के उपयोग पर हमारे जेहन में यह सवाल उठता है कि आखिर एक ही शब्द का उपयोग दो चीजों के लिए कैसे हो सकता है? तो आइए इस बारे में हम अपने इस लेख में विस्तार से जानते हैं। सबसे पहले तो हम आपको यह बता दें कि बुलेट शब्द का अर्थ वास्तव में गोली से ही होता है। बाइक के लिए बुलेट शब्द का उपयोग बाद में किया जाने लगा।
खैर, यहां हम बाइक के बारे में आपको बाद में बताएंगे लेकिन पहले यह जान लेते हैं कि गोली आखिर है क्या और इसकी शुरूआत कब और कैसे की गई? तो उपलब्ध जानकारी के अनुसार बता दें कि गोलियों के उपयोग की शुरूआत 15वीं शताब्दी से हुई थी और सन 1500 से लेकर 1800 के बीच इसमें कई परिवर्तन देखें गए।
गोलियां यानि बुलेट मूलतः किसी धातु या पत्थर की गेंदें होती थीं जिनका उपयोग एक हथियार के रूप में और शिकार के लिए एक गुलेल में किया जाता था। बाद में जैसे-जैसे तकनीक उन्नत होती गई, वैसे-वैसे बंदूकों का विकास होता गया।
मूलतः “बुलेट” शब्द की उत्पत्ति फ्रांसीसी शब्द बुलेटे (boulette) से हुई है, जिसका अर्थ छोटी गेंद (ittle ball) होता है। बंदूक में प्रयुक्त मूल गोली एक गोल सीसे की गेंद थी जो एक बोर से छोटी होती थी, इसे ढीले फिट पेपर के पैच में लपेटा जाता था और वह गोली को दृढ़ता से पकड़ लेता था।
हालांकि कई कारणों से पहले युद्ध में गोलियों का उपयोग नहीं किया जाता था और ये सब उतना प्रभावी भी नहीं था, लेकिन गोलियों की श्रृंखला में पहली गोली को 1823 में ब्रिटिश सेना के केप्टिन जॉन नोर्टन के द्वारा डिजाइन किया गया था। इसके बाद फ्रांस से लेकर ब्रिटेन तक में गोलियों के विकास में कई महत्वपूर्ण कार्य हुए।
ऐतिहासिक दस्तावेजों के मुताबिक 1855 में, ब्रिटिश ने अपनी एनफील्ड राइफल के लिए मिनी बॉल को अपनाया। मिनी बॉल का पहली बार सबसे ज्यादा इस्तेमाल अमेरिकी नागरिक युद्ध के दौरान किया गया। मोटे तौर पर इस युद्ध में, 90% हताहतों की संख्या राइफल से फायर की गयी मिनी बॉल्स के कारण हुई।
तो इस लेख में आते-आते हम यहां तक तो पहुंच ही गए कि 1855 में एनफील्ड राइफल ने मिनी बाल के नाम की बुलेट का उपयोग किया था और बुलेट के नाम से जानी जाने वाली बाइक का नाम भी रॉयल इनफील्ड है। दरअसल रॉयल इनफील्ड बाइक के लिए बुलेट शब्द का उपयोग यहीं से शुरू हुआ था।
लेकिन जब एनफील्ड रॉयल बाइक नहीं बल्कि राइफल बनाने वाली कम्पनी थी तो बाइक के लिए रॉयल इनफील्ड के नाम की शुरूआत कैसे हुई तो सबसे पहले जान लीजिए कि इसकी कहानी गोलियों के विकास से बिल्कुल अगल है।
बात सन 1901 की है और साइकिल निर्माता से मोटरसाइकिल निर्माता बनने को आतुर रॉयल एनफील्ड ने हथियार बनाने वाली कंपनी एनफील्ड रॉयल के साथ अपना बिजनेस शुरू किया। रॉयल एनफील्ड का लोगो एक तोप था, और इसकी टैग लाइन थी “तोप की तरह दिखने वाली, गोली की तरह चलने वाली”।
“तोप की तरह दिखने वाली, गोली की तरह चलने वाली” .. जी हां.. यही वो शब्द था जिसके कारण बाइक को भी बुलेट कहने का चलन शुरू हुआ। एनफील्ड ब्रिटेन में एक जगह भी है और इस शब्द को उसी जगह से लिया गया था।
रॉयल एनफाल्ड के इतिहास के बारे में वैसे तो सभी जानते हैं लेकिन आपको बताते चलें कि रॉयल एनफील्ड कंपनी की हर मोटर साइकिल की तेल की टंकी चेन्नई के दो कलाकारों द्वारा हाथ से पेंट की जाती है। ब्रिटेन के लिए बाइक बनाने से पहले यह कंपनी रूसी सरकार को युद्ध के लिए बाइक बनाकर देती थी।
भारत में रॉयल इनफील्ड के बुलेट350 सीसी की शुरूआत सन 1955 से हुई थी और इसका निर्माण वास्तव में पहले सेना और पुलिस के लिए किया जाता था। एक समय तो पुलिस कप्तानों के पास बुलेट बाइक का होना उनका स्टेटस सिंबल माना जानें लगा था।
बाद में 1994 में भारत में एनफील्ड के उत्पादन का अधिकार खरीदने वाली आयशर ग्रुप देश में रॉयल एनफील्ड के नाम से इसका उत्पादन करती है और इसे यूरोपीय देशों में भी निर्यात करती है। रॉयल एनफील्ड का उपयोग 1975 की ब्लॉकबस्टर फिल्म शोले के गाने ये दोस्ती हम नहीं… के लिए भी किया गया था।
आज रॉयल एनफील्ड भारत के साथ-साथ अमेरिका, जापान, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और 45 अन्य देशों के लिए भी मोटरसाइकिलों का निर्यात करता है। कम ही लोग जानते हैं कि ब्लॉकबस्टर फिल्म बाहुबली में भल्लालदेव का जो रथ बनाया गया था, उसे भी रॉयल इनफील्ड के इंजन से संचालित किया गया था।
तो उम्मीद करते हैं कि अब आपको समझ में आ गया होगा कि आखिर गोली और बाइक दोनों के लिए बुलेट शब्द का उपयोग क्यों किया जाता है? मूलतः बाइक के लिए बुलेट शब्द का उपयोग बुलेट यानि गोली से ही लिया गया है।
दीपक कुमार पाण्डेय…
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