क्या कश्मीर के पत्थरबाज़ों पर पत्थर बरसा पाएंगे ये कानपुरी?
वन्दे मातरम के नारे, कुछ के हाथ में तिरंगा और बचे हुए लोगों के हाथ में पत्थर. सामने गंगा नदी के पावन तट पर लगे पुतले. ये पुतले जिन्हें कश्मीर के पत्थरबाज़ समझना है. पत्थर उन पुतलों को लगे यह लक्ष्य होना चाहिए. ये दृश्य है, यूपी के कानपुर के गंगा किनारे का, जहां कुछ साधु संत करीब 1000 महिलाओं और पुरुषों की फ़ौज तैयार कर रहे हैं और उन्हें पत्थर चलाना सिखा रहे हैं. ये खुद को ‘जनसेना’ बता रहे हैं और ये कश्मीर में अपनी सेना के साथ खड़े होकर पत्थरबाज़ कश्मीरियों को मज़ा सिखाना चाहते हैं.
ट्रक में पत्थर भर कर ले जाएंगे
इन लोगों के हिसाब से ये देश के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहे हैं, जिसके लिए आज यानि 7 मई को कानपुर के नानाराव पार्क से कश्मीर के लिए ये लोग एक ट्रक में पत्थर भर कर और रुकने हेतु टेन्ट के साथ कूच करेंगे.
वाक़ई इरादा क्या है?
इस वीडियो में साफ़ दिख रहा है कि लोग कितने जोश में हैं और महिलाएं कितने दिखावटी जोश से पत्थर चला रही हैं. इस बात का ऐलान करने से ये साबित हो जाता है कि वो लोगों तक ये बात पहुंचाना चाह रहे हैं और ताकि उन्हें वहां जाने से प्रशासन रोक ले. क्या से सिर्फ़ लोगों का ध्यान आकर्षित कर के और झूठी देशभक्ती दिखा कर सुर्खियां बटोरना नहीं है?
#WATCH Jansena, a group of sadhus in Kanpur, is training men & women to take on stone pelters in Kashmir; they’ll leave for J&K on May 7. pic.twitter.com/anzrjOaRQv
— ANI UP (@ANINewsUP) May 6, 2017
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