यूथ जितना ज्यादा अपने करियर को लेकर सीरियस है उतना ही ज्यादा सीरियस वो अपने लुक को लेकर भी है। वो एजुकेटेड तो होना ही चाहता है साथ ही फैशनेबल भी दिखना चाहता है। ऐसे में टेक्सटाइल इंडस्ट्री से जुड़े लोगों की जिम्मेदारी और भी बढ़ गई है। इस इंडस्ट्री में आए दिन लोगों की डिमांड को देखते हुए नए-नए एक्सपेरिमेंट होते रहते हैं। एक ओर जहां इस इंडस्ट्री में लोगों की डिमांड पर खरा उतरने की चुनौती है वहीं इस इंडस्ट्री को करियर ऑप्शन के रूप में चुनने वालों के लिए यहां कई मौके हैं। तकनीक के इस दौर में टैक्सटाइल इंडस्ट्री का भी आधुनिकीकरण हो चुका है और ज्यादा से ज्यादा काम मशीनों पर निर्भर है। ऐसे में मशीनों से डील करने के लिए इंजीनियर्स के लिए यहां काफ़ी अवसर हैं। यदि आपके पास टेक्सटाइल इंजीनियरिंग की डिग्री है तो आप इस इंडस्ट्री में अच्छा पैसा कमा सकते हैं।
कई हैं अवसर
भारत में दो तरह के बड़े टेक्सटाइल सेक्टर हैं – पहला हैंडलूम सेक्टर और दूसरा मशीनाइज्ड सेक्टर। दोनों में ही अपार संभावनाएं हैं क्योंकि भारत में हजारों टेक्सटाइल मील्स हैं। जिनके पास टेक्सटाइल इंजीनियरिंग की डिग्री है वो डाइंग एण्ड फिनिशिंग, टेक्नीकल सर्विस, रिसर्च एंड डेवलपमेंट, क्वालिटी कंट्रोल, प्रोडक्ट डेवलपमेंट, पोलिमर साइंस और एन्वॉयरमेंट कंट्रोल में अपना करियर बना सकते हैं। टेक्सटाइल इंडस्ट्री में आप प्रोसेस इंजीनियर, क्वालिटी कंट्रोल सुपरवाइजर, टेक्नीकल सर्विस/सेल्स मैनेजर, ऑपरेशन ट्रेनी, प्रोसेस इम्प्रूवमेंट इंजीनियर और मेडिकल टेक्सटाइल इंजीनियर के तौर पर काम कर सकते हैं।
योग्यता
टेक्सटाइल इंजीनियरिंग करने के लिए आपको 50 परसेंट मार्क्स के साथ 10वीं पास करना जरुरी है। इसके अलावा यदि आपने 10वीं के बाद पॉलिटेक्निक डिप्लोमा किया है तो वह भी मान्य होगा। टेक्सटाइल इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के लिए 12वीं 50 परसेंट मार्क्स के साथ पास करना जरुरी है और यदि आप आईआईटी में एडमिशन लेना चाहते हैं तो आपको 12वीं में 60 परसेंट मार्क्स लाने होंगे। इसके अलावा 12वीं में आपके सब्जेक्ट में फिजिक्स, कैमेस्ट्री और मेथ्स होना जरुरी है। जिनके पास पॉलिटेक्निक का डिप्लोमा है वो सीधे इंजीनियरिंग के सेकंड इयर में एडमिशन ले सकते हैं।
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