प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत मिले गैस कनेक्शन में बनाया मर्जी का मालिक
राजनांदगांव : समृद्ध राजनांदगांव-खुशहाल राजनांदगांव : पसंदीदा खाने पर अब चूल्हा नहीं रोड़ा…
रायपुर। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना से मिले नि:शुल्क गैस चूल्हे के कारण राजनांदगांव जिले के छुरिया विकासखंड की ग्राम खुर्सीपार निवासी श्रीमती शांति मोहन साहू का अब अपनी सास और बेटी रिश्ता और अधिक मजबूत हो रहा है। उज्ज्वला योजना के तहत मिले गैस चूल्हे से अब श्रीमती शांति साहू अपनी बेटी को उसकी मन-पसंद सब्जी और अपनी सास को उनका पसंदीदा खाना आधे घंटे में बनाकर दे देती है। इस गैस कनेक्शन के कारण अब शांति साहू की बेटी और सास जब चाहे तब गरमा-गरम खाना पका कर आसानी से खा लेते है। इससे खाना पकाने और पसंदीदा खाना पकाने में देरी के कारण परिवार में होने वाले मतभेद भी अब खत्म हो गये है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई उज्ज्वला योजना ने ना केवल ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों की गरीब महिलाओं को चूल्हे पर खाना बनाने की समस्याओं से मुक्ति दिलाई है। बल्कि पारिवारीक सदस्यों में आपसी प्रेम और सहयोग की भावना को भी मजबूत किया है। राजनांदगांव जिले के छुरिया विकासखंड के खुर्सीपार गांव में रहने वाली विधवा महिला श्रीमती शांति मोहन साहू को भी उज्ज्वला योजना के तहत नि:शुल्क गैस कनेक्शन मिला है। योजना के तहत श्रीमती शांति साहू को दो बर्नर वाला गैस चूल्हा, एक भरा हुआ गैस सैलेण्डर, एक रेग्यूलेटर और पाईप मिला है। अपनी विधवा सास श्रीमती अमरौतीन बाई और बेटी कुमारी प्रियंका साहू के साथ रहने वाली श्रीमती शांति मोहन साहू खेतिहर मजदूर के रूप में काम करके अपना जीवन यापन करती है। वे बताती है कि गैस कनेक्शन ने उनके परिवार में आपसी प्रेम और घर के काम में हाथ बटाने की प्रवृत्ति को अचानक ही बढ़ा दिया है। अब उनकी पांच साल की बेटी और सास श्रीमती अमरौतीन बाई भी खाना बनाने में सहयोग करने को तत्पर रहती है।
शांति साहू बताती है कि पहले चूल्हे पर खाना बनाने के कारण लकड़ी का धुआं और आग की तेज आंच के कारण खाना बनाना बहुत मुश्किल का काम था। चूल्हे को जलाने के लिए फूंकनी से फूंक-फूंक कर सांस भर जाती थी। उस पर धुएं से अंाखे लाल और खांसी भी होती थी। घर में सभी चूल्हे पर खाना बनाने से कतराते थे। ऐसे में खाना भी देरी से पक पाता था और तेज भूख होने पर घर का माहौल भी कभी-कभी बिगड़ जाता था। श्रीमती शांति साहू बताती है कि बेटी को यदि अपनी पसंद का भोजन खाना हो या सास को कभी बीमारी में गर्म पानी की जरूरत हो तो चूल्हा फंूकना किसी सजा से कम नहीं था। उनके पति स्वर्गीय मोहन साहू की मृत्यु के पश्चात् उनके एक बच्ची प्रियंका एवं उनके वृद्ध सास अमरौतीन की देखभाल की भी जिम्मेदारी उनके कंधों पर है। परिवार के भरण-पोषण हेतु उसे सुबह जल्दी काम पर जाना होता है एवं शाम को घर वापस आकर खाना बनाना पड़ता था। इसके अलावा सुबह बच्ची को स्कूल भेजने के लिए जल्दी खाना बनाना पड़ता था। जल्दी-जल्दी ये सभी काम चूल्हे पर करना बहुत मुश्किल था, परन्तु श्रीमती शांति को नि:शुल्क रसोई गैस मिलने के बाद उसे इन कामों को करने में बहुत ही आसानी हो रही है।
शांति साहू बताती है कि अब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने हर घर की यह परेशानी एक ही योजना से खत्म कर दी है। नि:शुल्क गैस कनेक्शन मिलने से चूल्हे के धुएं से तो मुक्ति मिली ही हैं साथ ही जलाने के लिए लकड़ी लाना और उसे छोटे से घर में गीला होने से बचाकर रखने की समस्या से भी छुटकारा मिल गया है। वे बताती है कि तीन सदस्यों के परिवार में भोजन पकाने के लिए हर माह एक से डेढ़ गाड़ी लकड़ी की खपत थी। एक गाड़ी लकड़ी की कीमत तीन हजार रूपए होने पर लगभग चार-साढ़े चार हजार रूपए का खर्चा और उस पर चूल्हा फंूकने से आंख और सांस की बीमारी होने की पूरी संभावना थी। श्रीमती शांति साहू कहती है कि प्रधानमंत्री जी ने नि:शुल्क गैस कनेक्शन दिलाकर गांव की गरीब महिलाओं को इन बीमारियों से तो बचाया ही है, मजदूरी कर जीवन यापन करने और अपने परिवार को चलाने के लिए भी मदद की है। वे कहती है कि अब गैस सिलेण्डर की कीमत के हिसाब से महीने में लगभग चार हजार रूपए की बचत तो हो ही जाएगी। जिसे वे अन्य दूसरी जरूरतों को पूरा करने के लिए खर्च कर सकेंगी।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना महिलाओं को चूल्हे में लकड़ी के जलने से धुएं के कारण होने वाली बीमारियों अन्य बीमारियों से राहत दिलाने के अलावा इसके माध्यम से खाना बनाने के लिए लकड़ी की कटाई पर भी रोक लगेगी। जिससे गरीब परिवारों के खाना बनाने हेतु लकड़ी की खरीदी हेतु लगने वाली पैसे की भी बचत होगी। इस तरह से यह योजना महिलाओं की स्वास्थ्य की रक्षा के साथ-साथ पर्यावरण संतुलन को बनाये रखने में उपयोगी साधन साबित होगी।
गांव की अन्य महिलाएं भी अब समय-समय पर गांव में आने वाले शासकीय अधिकारियों से उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन की मांग करने लगी है। जिन महिलाओं का नाम उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन के लिए पात्र सूची में है, वे अधिकारियों से जल्द से जल्द गैस कनेक्शन उपलब्ध कराने की मांग कर रही है। छात्राएं प्रधानमंत्री की इस योजना को महिलाओं विशेष कर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली गरीब महिलाओं के जीवन में तत्काल सकारात्मक परिवर्तन लाने वाली योजना बता रही है। आस पड़ोसी की महिलाएं एवं स्कूल जाने वाली छात्राएं कहती है कि गैस-चूल्हा घर आ जाने से अब आसानी से कम समय में मन पसंद खाना तो बन ही जा रहा है। साथ ही लकड़ी जलाने के लिए काटे जाने वाले बहुत सारे पेड़ कटने से बच भी रहे है। इससे प्रधानमंत्री जी की यह योजना आम गरीब महिलाओं के साथ-साथ धरती पर जीवन बचाने और पर्यावरण को शुद्ध, सुरक्षित रखने में भी कामयाब हो रही है।
ताजा अपडेट के लिए Youthens News के फेसबुक पेज को लाइक करे...