भारत को NSG सदस्यता में झटका, चीन की बैठक में नहीं होगी बात
भारत के पीएम नरेंद्र मोदी विदेश यात्रा के दौरान परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में भारत की सदस्यता के लिए सदस्य देशों की सहमति ले रहे हैं। इसमें जहां एक ओर अमेरिका और रूस समेत कई बड़े देशों ने भारत का सर्मथन किया है वहीं दूसरी ओर चीन ने एक बार फिर राह में रोड़ा डालने की कोशिश की हैं। पड़ोसी मुल्क ने सोमवार को कहा कि सोल में होने वाली बैठक में भारत की सदस्यता कोई मुद्दा ही नहीं है।
बैठक में शामिल नहीं एनएसजी मुद्दा
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा, ’हमने इस बात पर जोर दिया है कि एनएसजी गैर एनपीटी देशों के प्रवेश को लेकर अब भी बंटा हुआ है और मौजूदा परिस्थितियों में हम आशा करते हैं कि एनएसजी विचार-विमर्श पर आधारित फैसला करने के लिए विस्तृत चर्चा करेगा.’ विदेश सचिव एस जयशंकर के 16-17 जून के चीन दौरे और सुषमा के बयान के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए हुआ ने कहा, ’24 जून से सोल में होने जा रही एनएसजी की बैठक के एजेंडे में भारत को इस 48 सदस्यीय समूह में शामिल करने का मुद्दा शामिल नहीं है.’
इस कारण है चीन को आपत्ति
एनएसजी परमाणु से संबंधित अहम मुद्दों को देखता है और इसके 48 सदस्यों को परमाणु प्रौद्योगिकी के व्यापार एवं उसके निर्यात की इजाजत होती है. एनएसजी सर्वसम्मति के सिद्धांत के तहत काम करता है और भारत के खिलाफ एक देश का भी वोट भारत की दावेदारी को नुकसान पहुंचा सकता है।