हिंदू राष्ट्रवाद से बढ़ रहा चीन से जंग का खतरा : चीनी मीडिया
सिक्किम विवाद को एक महीने से ज़्यादा समय होने वाला है। इसी बीच चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में छपे एक आर्टिकल में लिखा है, ‘‘भारत में हिंदू राष्ट्रवाद बढ़ रहा है जिसके चलते बीजिंग से जंग का खतरा पैदा हो रहा है। राष्ट्रवादियों का जोश चीन से बदला चाहता है और यही भारत से सीमा विवाद की जड़ है।“
इस बात को लेकर है विरोध
भारत और चीन के बीच विवाद डोकलाम इलाके को लेकर है। यहां पर 34 दिन से भारत और चीन की सैनिक टुकड़ी आमने-सामने है। ये एक ट्राई जंक्शन (तीन देशों की सीमाएं मिलने वाली जगह) है। जहां चीन सड़क बनाना चाहता है। लेकिन भारत और भूटान इसका विरोध कर रहे हैं।
हिंदू राष्ट्रवाद का इशारा चीन से जंग की ओर
यू निंग के लिखे इस आर्टिकल में कहा गया है, “1962 की जंग में इंडिया की हार के बाद से ही कुछ भारतीयों को चीन से निपटने के अलावा और कुछ नहीं सूझ रहा है। इस जंग ने उनमें दर्द पैदा किया और उनकी सोच में इसे लेकर एक गांठ बन गई, जिसकी वजह से उन्हें चीन की स्ट्रैटजी पर शक पैदा हुआ।“
चीन के विकास ने भारतीयों में डर पैदा किया
इस आर्टिकल में लिखा गया है, ‘‘चीन के विकास को भारत में एक दुर्भाग्य के तौर पर देखा जाता है, बीजिंग के तेज विकास ने भारतीयों में डर पैदा कर दिया है।“ आर्टिकल में कहा गया है, “भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी के चुनाव ने देश की राष्ट्रवादी भावनाओं को बढ़ावा दिया है। सत्ता में आने के लिए मोदी ने बढ़ते हिंदू राष्ट्रवाद का फायदा उठाया। इससे उनकी प्रतिष्ठा और देश को कंट्रोल करने की उनकी क्षमता तो बढ़ी, लेकिन दूसरी ओर इससे भारत रूढ़िवादियों के अधीन हो गया, जिससे सुधार में बाधा आ गई।“
चीन विवाद राष्ट्रवादियों की मांग पूरी करता है
नई दिल्ली से विदेशी संबंधों में खास तौर से पाकिस्तान और चीन जैसे देशों के साथ डिप्लोमैसी में सख्ती बरतने की मांग की जाती है। इस बार भड़का सीमा विवाद चीन को टारगेट कर एक कार्रवाई है जो भारत के धार्मिक राष्ट्रवादियों की मांग को पूरा करती है।“
भारत को सावधान रहना चाहिए
आर्टिकल के मुताबिक अगर धार्मिक राष्ट्रवाद भारत में चरम पर पहुंचा तो मोदी सरकार कुछ नहीं कर सकेगी क्योंकि 2014 में सत्ता में आने के बाद मुस्लिमों के खिलाफ हिंसक घटनाओं पर काबू पाने में ये पूरी तरह नाकाम रही। चीन-भारत में प्रतियोगिता दोनों की ताकत और उनकी समझ पर निर्भर करती है।
भारत ताकत के मुकाबले में चीन से कमजोर है। इसकी स्ट्रैटजी और इसके नेता देश की चीन पॉलिसी को बढ़ते राष्ट्रवाद के हाथों अगवा होने से बचा नहीं पा रहे हैं। इससे भारत के अपने हित खतरे में पड़ जाएंगे। भारत को सावधान रहना चाहिए और धार्मिक राष्ट्रवाद को दोनों देशों को जंग में धकेलने से रोकना चाहिए।“