Wednesday, August 30th, 2017
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जनता में सुधरे पुलिस की इमेज, सीएम योगी ने दिए निर्देश




Politics

yogi adityanath
पुलिस जनता की सुरक्षा के लिए होती है ये बात तो आप सभी जानते हैं। पुलिस को देखकर जनता को डर भी लगता है। कई बार आम जतना पुलिस को देखकर सुरक्षित महसूस करने की बजाय कुछ डरा-डरा सा महसूस करती है। जनता के मन में पुलिस की इमेज कुछ ऐसी बन गई है जिससे उन्हें डर लगने लगा है।

इसी बात को लेकर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने पुलिस को अपनी कार्यप्रणाली और व्यवहार में परिवर्तन लाने के निर्देश दिए ताकि जनता को सुरक्षा महसूस हो सके और समाज में शांति का वातावरण कायम रहे। उन्होंने कहा कि पुलिस थानों और यू0पी0-100 की कार्य प्रणाली को और अधिक चुस्त-दुरुस्त बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पुलिस से सम्बन्धित सभी महकमों में भ्रष्टाचार पर प्रभावी अंकुश लगे। अभिसूचना तंत्र को इतना सशक्त बनाया जाए कि किसी भी घटना के घटित होने से पहले प्रभावी कार्यवाही की जा सके।

भ्रष्टाचार संगठन का होगा पुनर्गठन
उन्होंने भ्रष्टाचार निवारण संगठन की कार्य प्रणाली पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इसका पुनर्गठन किया जाए और भ्रष्टाचार की शिकायत के सम्बन्ध में जनता को एक टोल फ्री नम्बर उपलब्ध कराया जाए। मुख्यमंत्री ने आज देर शाम यहां शास्त्री भवन में गृह, सतर्कता और कारागार विभाग के प्रस्तुतिकरण के अवसर पर अधिकारियों को ये निर्देश दिए।

जनता में सुधारनी होगी पुलिस की इमेज
उन्होंने कहा कि जनता के अन्दर पुलिस की छवि में सुधार लाना होगा। पुलिस की छवि ऐसी होनी चाहिए कि अपराधियों में भय व्याप्त हो और जनता को सुरक्षा का एहसास हो। उन्होंने कहा कि पुलिस से सम्बन्धित सभी संगठनों में आपस में समन्वय हो, जिसके अभाव में कार्य प्रभावित होता है। उन्होंने कहा कि पुलिस आम जनता से सीधा संवाद करे और छोटी से छोटी घटनाओं का संज्ञान लेते हुए, उसके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर कार्रवाई करे, जिससे ऐसी घटनाएं किसी बड़े खतरे का कारण न बन सकें।

नए थानों के होंगे निर्माण
श्री योगी ने कहा कि नए थानों के निर्माण के लिए प्रस्ताव तैयार किया जाए और भारत सरकार को प्रेषित किया जाए। केन्द्र सरकार के सहयोग से थाना निर्माण की योजना को पुनर्जीवित किया जाए। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस भर्ती की प्रक्रिया को भेदभाव रहित और भ्रष्टाचार मुक्त किया जाए। भर्तियों में खामियों की शिकायत नहीं मिलनी चाहिए। भर्तियों में खामियों की वजह से ही कई वाद उत्पन्न होते हैं और न्यायालय को हस्तक्षेप करना पड़ता है। इस कारण भर्तियां प्रभावित होती हैं और विलम्ब होता है।

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