दुनिया के 50 सबसे बड़े बैंकों में से एक और भारत का सबसे बड़ा बैंक भारतीय स्टेट बैंक अपने प्रमुख को जो राशी वेतन के तौर पर देता है वह प्राइवेट बैंक जैसे आईसीआईसीआई बैंक या एचडीएफसी बैंक और अन्य बैंकों के प्रमुखों को मिलने वाले वेतन के मुकाबले इतना कम है कि जान कर आश्चर्य होता है।
वेतन में मिलने वाली राशी का अंतर
अलग अलग बैंकों द्वारा जारी की गई सालाना रिपोर्ट की गणना के अनुसार स्टेट बैंक की प्रमुख और दुनिया की 25 सबसे पावरफुल महिलाओं में से एक अरुंधति भट्टाचार्य को वित्त वर्ष 2016-17 में 28.96 लाख रुपये का वार्षिक वेतन मिला जो निजी बैंकों से 75% कम है और इसी अवधि में आईसीआईसीआई बैंक की प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा कोचर को मिलने वाला मूल वेतन 2.66 करोड़ रुपये है और अगले कुछ महीनों में उन्हें उनके प्रदर्शन का 2.2 करोड़ रुपये बोनस भी दिया जाएगा। ऐसे ही कुछ आंकड़े अन्य प्राइवेट बैंकों के प्रमुखों के भी हैं।
जैसे एक्सिस बैंक की एम डी और सीईओ शिखा शर्मा को 2.7 करोड़ रुपये की बेसिक सैलरी दी गई। YES बैंक के एम डी और सीईओ राना कपूर को फ़ाइनेंशियल इयर 2016-17 में 6.8 करोड़ मिले और एचडीएफसी बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर आदित्य पुरी की सैलरी 10 करोड़ रुपये रही। इस प्रकार तुलना की जाए तो SBI प्रमुख को मिलने वाला वेतन बहुत कम है।
पूर्व गवर्नर ने भी इस मामले को उठाया था
RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने भी इस बात को मुद्दा बनाया था और कहा था कि कम वेतन की वजह से सरकारी बैंक उच्च योग्यता रखने वाले लोगों को नौकरी नहीं दे पाते और उनमें शीर्ष स्तर पर सीधे नौकरी पाना भी मुश्किल होता है।