गाय ने बदल दी इस गांव की जिंदगी
भोपाल। साल 2015 में गाय पूरे देश में सबसे ज्यादा चर्चा का विषय रही, वो चाहे नकारात्मक हो, लेकिन गाय ने मध्यप्रदेश के रायसेन के एक गांव की किस्मत ही बदल दी है। भारत में गाय को हमेशा से ही पवित्र माना जाता रहा है। लेकिन मध्यप्रदेश के इमलिया गौंडी गांव के लोगों ने इसे सच कर दिखाया। यह गांव रायसेन जिले में स्थित है। इस गांव में बदलाव की बयार लाई है गाय। यहां गांववालों की जिंदगी गाय ने बदल डाली है। इस गांव के हर घर में एक गाय तो आपको जरूर ही मिलेगी। गाय के दूध से यहां के लोग कई उत्पाद बनाते हैं और उनको बेचकर रोजी-रोटी चला रहे हैं।
गांव में हर तरफ है खुशहाली का माहौल
दूध के साथ-साथ गाय के मूत्र को भी औषधी बनाने के काम में लाकर गांव में हर तरफ रोजगार फैला दिया है। रोजगार अच्छा होने से गांव में हर तरफ खुशहाली का माहौल है। लेकिन यह सब संभव हुआ है गौसेवा से। यह सब संभवा हुआ है गायत्री शक्तिपीठ की वजह से, इस गांव के जंगल में गौशाला स्थापित की गई जिसके जरिए उन परिवारों को गाय भी उपलब्ध कराई जा रही है, जिनके पास गाय नहीं है। अभी तक 150 परिवारों को गाय उपलब्ध कराई जा चुकी है।
सीखने आते हैं औषधि बनाना
इस गौशाला में हर रविवार को ग्रामीण क्षेत्र से लोग औषधि बनाना सीखने आते हैं। गौशाला प्रबंधन मुक्त में इन ग्रामीणों को 44 प्रकार की औषधियां बनाना सिखाता है। साथ ही गरीब किसानों को मुफ्त में खाद और एक गाय भी दी जाती है। गांव की सबसे खास बात यह है कि किसी को अपनी सच्चाई साबित करने के लिए अदालत-पंचायत या किसी गवाह की जरूरत नहीं है। अगर गाय की सौंगंध या गाय पर हाथ रखकर कोई अपनी सच्चे होने का दावा करता है तो उसे मान लिया जाता है। क्योंकि गांव वालों का कहना है कि यहां का हर इंसान गांव को मां का दर्जा देता है और मां की झूठी कसम कोई नहीं खा सकता।
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