क्रिकेट का मैदान एक ऐसा मैदान है जहां पर हर साल कुछ नए खिलाड़ी अपनी जगह बनाते हैं और कुछ खिलाड़ी सालों-साल तक टीम में बने रहते हैं। कई बार कुछ खिलाड़ी ऐसा खेल जाते हैं कि उनका काफी नाम हो जाता है और उनके नाम से ही उनकी फैमिली को भी सपोर्ट मिल जाता है।
इंडियन क्रिकेट टीम में ऐसे कई क्रिकेटर्स हैं जो अपने पिता के नाम की वजह से टीम में आसानी से जगह बना पाए या यूं कहें कि इन्हें अपने पिता की वजह से टीम में जल्दी जगह मिल गई। हम ये नहीं कहते कि इन्हें इनके पिता की वजह से टीम में जगह मिली लेकिन थोड़ा बहुत सपोर्ट तो मिलता ही है ना। आजतक इंडियन क्रिकेट टीम में कई ऐसे प्लेयर हैं जिनके पिता पहले टीम में रह चुके हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे ही इंडियन क्रिकेटर्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके पिता टीम में थे और फिर बेटा भी टीम में सिलेक्ट हो गया।
1) मोहिंदर अमरनाथ
सबसे पहले बात करते हैं मोहिंदर अमरनाथ की जिनका आज यानि 24 सितंबर को बर्थडे हैं। मोहिंदर अमरनाथ के पिता लाला अमरनाथ टीम इंडिया के बेहतरीन क्रिकेटर रह चुके हैं। वहीं उनके बेटे भी टीम इंडिया के सुपर बैट्समैन के रूप में जाने जाते थे। उनके दोस्त उन्हें ‘जिम्मी’ कहकर पुकारते थे।
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मोहिंदर अमरनाथ फास्ट बॉलिंग में बेहतरीन बैटिंग करने वाले बैट्समैन थे। मोहिंदर अमरनाथ ने साल 1983 में इंग्लैंड में वर्ल्डकप के दौरान ‘मैन ऑफ दी सीरिज’ का खिताब जीता था। मोइंदर अमरनाथ ने 69 टेस्ट मैच में 4378 रन बनाए थे जिसमें 11 शतक, 24 फिफ्टी थी। वहीं इन्होंने 85 वनडे मैच में 1924 रन बनाए थे।
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2) अर्जुन तेंदुलकर
क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन तेंदुलकर का चयन अंडर 19 टीम में हुआ हैं। उन्हें मुंबई की अंडर 19 टीम के लिए चयनित किया गया हैं। चयन के बाद अब अर्जुन बड़ोदा में होने वाले जेवाई लेले ऑल इंडिया अंडर 19 इनविटेशनल वनडे टूर्नामेंट में हिस्सा लेंगे। वैसे इससे पहले अर्जुन मुंबई की अंडर 14 और अंडर 16 टीमों के लिए भी खेल चुके हैं। अपने पिता सचिन तेंदुलकर जैसा नाम कमाने के लिए अर्जुन तेंदुलकर को एक लंबा सफर तय करना हैं। इसके लिए उन्होंने जूनियर क्रिकेट में अपनी पहचान बनाना शुरू कर दिया हैं।
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3) रोहन गावस्कर
सुनील गावस्कर जैसे शानदार खिलाड़ी पिता के नाम को आगे बढ़ाने का उन पर दवाब काफी था लेकिन रोहन वो मुकाम नहीं हासिल कर सके जिसकी उम्मीद उनसे की जा रहीं थी। इसके बावजूद पिता की 34 सेंचुरी के जवाब में उन्होंने 18 फर्स्ट क्लास सेंचुरी का सम्मानजनक लक्ष्य प्राप्त किया।
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4) युवराज सिंह
आपको बता दें, युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह ने छह एक दिवसीय और एक टेस्ट मैच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेला हैं लेकिन युवराज ने ना सिर्फ कहीं ज्यादा मैच खेले हैं बल्कि 2007 के टी 20 वर्ल्ड कप में भारत को विजय दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाई। साथ ही 2011 के वर्ल्ड कप में अपने शानदार खेल के कारण उन्हें मैन ऑफ द टूर्नामेंट भी चुना गया।
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5) मंसूर अली खान
आपको जानकर हैरानी होगी कि, इफ्तिखार अली खान भारत में पटौदी के नवाब थे और उन्होंने गुलाम भारत में इंग्लैंड की ओर से क्रिकेट खेलना प्रारंभ किया था। 1946 के बाद वे स्वतंत्र भारत की टीम का हिस्सा भी रहे पर केवल छह टेस्ट खेल सके और कोई खास स्कोर नहीं बना सके लेकिन वहीं उनके बेटे मंसूर अली खान पटौदी ने इस खेल में अपना ऊँचा मुकाम हासिल किया। वें भारतीय टीम के बेस्ट कप्तानों में गिने जाते हैं और उनके नेतृत्व में टीम इंडिया ने कई मैच भी जीते हैं।
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6) स्टूअर्ट बिन्नी
रॉजर बिन्नी 1983 वर्ल्ड कप विजेता टीम के हीरो रहे हैं। बोलर पिता के बेटे स्टूअर्ट बिन्नी एक ऑलराउंडर हैं। शुरू में लोगों ने उनके पिता के सिलेक्टर्स में शामिल होने के चलते फेवर का आरोप लगाया था लेकिन बाद में अपने खेल से स्टूअर्ट ने अपने आलोचकों का मुंह बंद कर दिया था।
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