Wednesday, September 6th, 2017 22:44:47
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अब CRPF के जवान ने सुनाया अपना दर्द, पीएम मोदी से की अपील




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crpf video

कुछ ही दिनों पहले बीएसएसफ के एक जवान ने वीडियो बनाकर बीएसएफ में परोसे जा रहे खाने के बारे में बताया था, जिसके बाद उस जवान को लेकर कई बातें सामने आई, कई आरोप और प्रत्यारोप भी हुए। लेकिन हाल ही में एक और जवान का वीडियो सामने आया है जिसमें उसने अपनी व्यथा सुनाई है।

यह विडियो यूट्यूब पर 16 अक्टूबर से ही उपलब्ध नजर आ रहा है। विडियो में दिख रहे इस सीआरपीएफ जवान का नाम कॉन्स्टेबल जीत सिंह है। जवान ने आरोप लगाया है कि एक जैसी ड्यूटी होने के बावजूद सेना और सीआरपीएफ को दी जाने वाली सुविधाओं में काफी फर्क है। जवान का कहना है कि सीआरपीएफ वालों को न तो पेंशन मिलती है और न कोई दूसरी सुविधा। अपने भावुक अपील में जवान ने सवाल उठाया है कि उनके दर्द को आखिर कौन समझेगा।

crpf soldier video

ऐसे सुनाई जवान ने अपनी व्यथा
विडियो मेसेज में जवान ने कहा है, ’मैं कान्स्टेबल जीत सिंह सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) का जवान हूं। मैं आप लोगों के जरिए हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री माननीय नरेंद्र मोदी तक एक संदेश पहुंचाना चाहता हूं। मुझे पूरा भरोसा है कि आप लोग मेरा सहयोग करेंगे। मेरा कहना यह है कि हम लोग सीआरपीएफ वाले इस देश के अंदर कौन सी ड्यूटी है, जो नहीं करते। लोकसभा चुनाव, राज्यसभा चुनाव, यहां तक कि छोटे मोटे ग्राम पंचायत चुनाव में काम करते हैं। इसके अलावा, वीआईपी सिक्यॉरिटी, वीवीआईपी सिक्यॉरिटी, संसद भवन, एयरपोर्ट, मंदिर, मस्जिद कोई भी ऐसी जगह नहीं, जहां सीआरपीएफ के जवान अपना योगदान न देते हों।’

जीत सिंह ने आगे कहा, ’इतना कुछ करने के बावजूद भी भारतीय आर्मी, सीआरपीएफ और बाकी अर्धसैनिक बलों के बीच फैसिलिटीज के बीच इतना अंतर है कि आप लोग सुनोगे तो हैरान रह जाओगे। सबसे पहले मैं माननीय मोदी जी से कहना चाहूंगा कि हमारे देश के अंदर न जाने कितने ही सरकारी स्कूल और कॉलेज हैं, जिनके अंदर बैठे आप टीचरों को पचास पचास साठ हजार महीने की पे दे रहे हो। और साल में वो न जाने कितने दिन हर त्योहार घर पर छुट्टियां मनाते हैं। और हम लोग कोई छत्तीसगढ़, कोई झारखंड के जंगलों में तो कोई जम्मू-कश्मीर के वादियों में पड़ा रहता है। हम लोगों को न कोई वेलफेयर मिलता है और न ही समय से छुट्टियां मिलती हैं।’

अपने दुख को साझा करते हुए जीत सिंह ने कहा, ’हमारे इस दुख को समझने वाला कोई नहीं है दोस्तों। क्या हम लोग इसके हकदार नहीं हैं? इतनी ड्यूटियां करने के बावजूद भी…। दोस्तों, आर्मी को पेंशन भी है। हम लोगों की पेंशन भी थी, बंद हो गई। 20 साल बाद जब हम नौकरी छोड़कर जाएंगे तो क्या करेंगे? एक्स सर्विसमैन का कोटा भी हमको नहीं, कैंटीन की सुविधा हमको नहीं, मेडिकल की सुविधा हमको नहीं। ड्यूटी सबसे ज्यादा हमारी। आर्मी को जितनी फैसिलिटी मिलती है, हमें उससे कोई ऐतराज नहीं, मिलनी चाहिए। लेकिन हमारे साथ इतना भेदभाव क्यों? हमको भी तो मिलनी चाहिए। दोस्तों, अगर मेरी बात से आप सहमत हों तो इस विडियो को जितना हो सके, आगे बढ़ाइए।’

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