लखनऊ के KGMU हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने 11 घंटे की मशक्कत से एक ऑपरेशन कर लखीमपुर खीरी निवासी एक युवती का कटा पंजा जोड़ने में कामयाबी हासिल की है। युवती का पंजा उसकी कलाई से पूरी तरह अलग हो गया था। उसके परिजन कलाई से कटे पंजे को पॉलीबैग में लेकर आए थे। उसमें बर्फ भी थी, ताकि अंग को खराब होने से बचाया जा सके। डॉक्टरों का कहना है कि पंजा प्रत्यारोपण हो गया है। कैबिनेट मंत्री डॉ. रीता बहुगुणा जोशी युवती की सेहत का हाल लेने ट्रॉमा सेंटर पहुंची।
विवाद में पंजा उसकी कलाई से काट डाला गया था
लखीमपुर में 23 अगस्त को 12 साल की एक युवती से विवाद के बाद बायां पंजा उसकी कलाई से काट डाला गया था। युवती के परिजन बीती रात करीब 9.15 बजे उसे नाजुक हालत में लेकर ट्रॉमा सेंटर पहुंचे। दाएं हाथ की कोहनी में भी गंभीर चोट थी।
KGMU प्लास्टिक सर्जरी विभाग के हेड डॉ. ए. के. सिंह ने बताया कि देरी की वजह से अंग प्रत्यारोपण में परेशानी होती है। युवती के मामले में भी कुछ ऐसा ही हुआ है। कटा हाथ पहले की तरह काम कर सकेगा या नहीं। एक हफ्ते बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।
इस तरह मशक्कत के बाद 22 नसें और 02 हड्डियां जोड़ी गई
रात 9.15 मरीज को ट्रॉमा में भर्ती किया गया। 10.30 बजे से ऑपरेशन की तैयारी शुरू हुई। 11.10 बजे तक नसों की पहचान हुई। मध्यरात्रि 2.00 बजे तक कलाई व हाथ के कटे हिस्से की दो अहम हड्डियों को जोड़ा गया। सुबह 3.53 बजे तक हाथ की 22 नसों को जोड़ा गया। 5.20 बजे तक उंगली की नसों को जोड़ा गया। सवेरे 6.20 बजे तक ऑपरेशन पूरा हुआ।